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patrika sting – ऐसे चलता है आरटीओ में लाइसेंस बनाने का खेल, बस पैसा फैंको घर बैठे बन जाएगा लाइसेंस

परिवहन विभाग में इन दिनों कई एजेंट सक्रिय हैं। इनकी पहुंच विभाग के कई कर्मचारियों तक है। काम कैसा भी हो इनसे संपर्क करते ही कोई ना कोई गली निकल ही जात

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Rto office agents taking larger amount for making driving licence

मनीषसिंह चौहान/ब्यावर. परिवहन विभाग में इन दिनों कई एजेंट सक्रिय हैं। इनकी पहुंच विभाग के कई कर्मचारियों तक है। काम कैसा भी हो इनसे संपर्क करते ही कोई ना कोई गली निकल ही जाती है। कुछ ऐसी ही स्थिति इन दिनों परिवहन विभाग के कार्यालय में देखी जा रही है।

पिछले कुछ समय से तो यह स्थिति है कि कोई भी काम बिना एजेंटों की मदद के नहीं हो पा रहा। इसके बदले में लोगों की जेब भी कट रही है।


परिवहन कार्यालय में घुसते ही पूरे परिसर में एजेंट नजर आते हैं। राजस्थान पत्रिका की टीम ने वहां चल रही अव्यवस्थाओं का स्टिंग ऑपरेशन किया। एजेंट ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए बेखौफ दो हजार रुपए मांगे। उसका कहना था कि एक बार साइन करने और फोटो खिंचवाने आना होगा। टेस्ट की भी औपचारिकता होगी और घर बैठे ही लाइसेंस मिल जाएगा। जिस समय एजेंट से बात चल रही थी। उस समय परिवहन विभाग का एक अधिकारी पास ही खड़ा था, लेकिन उसने भी एजेंट को टोकना मुनासिब नहीं समझा।

यूं शुरू की बात...
राजस्थान पत्रिका की टीम ने ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले कक्ष के बाहर खड़े एजेंट से संपर्क किया और उससे कहा कि उन्हें अपनी परिचित का ड्राइविंग लाइसेंस बनाना है। वह शहर से बाहर है और छुट्टी नहीं मिलने के कारण यहां नहीं आ सकती।

एक बार आना होगा...
एजेंट ने कक्ष के अंदर बैठे कर्मचारियों की ओर देखा। इसके बाद कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। पहले तो हम बना देते थे, लेकिन केवल एक बार आवेदक को फोटो व डिजिटल साइन करने के लिए आना ही होगा।

नहीं तो ढाई हजार लगते...
एजेंट ने साफ कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस के दो हजार रुपए दे दो। इसके बाद लाइसेंस तो हम बनवा देंगे। चाहे तो दुकान से आकर ले जाना या हम पहुंचा देंगे। यह भी कहा कि आप सीधे हो इस कारण दो हजार मांगे नहीं तो ढाई हजार से कम कोई काम नहीं करता।

हम हैं तो फेल कैसे...
एजेंट से जब पूछा गया कि ड्राइविंग टेस्ट में यदि परिचित फेल हो गई तो क्या लाइसेंस नहीं बनेगा। पहले भी वह एक बार फेल हो चुकी है। इस पर एजेंट ने कहा कि साहब दो हजार रुपए हम किस बात के ले रहे हैं।


अभी बाहर हूं। आने पर इस संबंध में जानकारी ली जाएगी।

त्रिलोकचंद मीणा, जिला परिवहन अधिकारी, ब्यावर