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माशिबो से राहत की खबर : डिजीटल लॉकर में होंगे विद्यार्थियों के दस्तावज

छात्र-छात्राओं को अब अजमेर आकर दस्तावेज के लिए नहीं काटने होंगे चक्कर, समय और पैसे की होगी बचत,पहले चरण में 40 लाख विद्यार्थियों को जल्द मिलेगी सुविधा

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Students' documents will be in digital locker

माशिबो से राहत की खबर : डिजीटल लॉकर में होंगे विद्यार्थियों के दस्तावज

अजमेर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(secondary education board) से राज्य के विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर (best news) है। बोर्ड ने परीक्षा देने वाले राज्य के करोड़ों विद्यार्थियों के दस्तावेज अब डिजीटल लॉकर( digital locker) के माध्यम से देने का निर्णय किया है। इससे प्रदेश के कोने-कोने व दूरदराज के विद्यार्थियों को बोर्ड दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। परीक्षा (exam) की अंकतालिका और प्रमाण-पत्र की प्रतिलिपि के लिए अब विद्यार्थियों को घर बैठे लाभ मिलेगा। पहले चरण में 40 लाख विद्यार्थियों को शीघ्र ही यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान,अजमेर ((secondary education board,ajmer) ) की सचिव मेघना चौधरी के अनुसार शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में प्रति वर्ष लाखों विद्यार्थी सम्मिलित होते हैं। मूल दस्तावेज खराब होने अथवा गुम होने की वजह से बोर्ड कार्यालय(office) और विद्यार्थी सेवा केन्द्रों पर रोजाना हजारों विद्यार्थी अथवा उनके परिजन इन दस्तावेजों की प्रतिलिपि लेने आते हैं। यह दस्तावेज हमेशा के लिए विद्यार्थियों के पास सुरक्षित रखने के लिए डिजीटल लॉकर ( digital locker) की सुविधा दी जा रही है। बोर्ड सचिव के मुताबिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए बोर्ड दस्तावेज उनके डिजीटल लॉकर ( digital locker) में डालने की प्रक्रिया चल रही है। यह लॉकर विद्यार्थियों को खुद बनाना होगा। पहले चरण में साल 2018 और 2019 में परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को यह सुविधा जल्द ही मिल जाएगी।

हर कभी निकाल सकेंगे प्रतिलिपि

डिजीटल लॉकर ( digital locker) की सुविधा मिलने के बाद विद्यार्थी जब चाहे अपने दस्तावेज की प्रतिलिपि खुद ही निकाल सकेंगे। इसके लिए उन्हें शिक्षा बोर्ड (education board) में आवेदन करने अथवा वहां जाने की आवश्यकता नहीं होगी। बोर्ड दस्तावेज हमेशा के लिए उनके लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। यह डिजीटल लॉकर उनके आधार कार्ड (aadhar card) से लिंक होगा। इसके लिए उन्हें बाकायदा अलग से आईडी भी मिलेगी। कोई भी विद्यार्थी अथवा व्यक्ति किसी अन्य का डिजीटल लॉकर ( digital locker) नहीं खोल पाएगा।

पहले चरण में साल 2018 और 2019 के विद्यार्थियों को सुविधा

शिक्षा बोर्ड की ओर से पहले चरण में 2018 और 2019 में सीनियर सैकंडरी और सैकंडरी की परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को यह सुविधा दी जा रही है। इन विद्यार्थियों की संख्या लगभग ४० लाख है। चरणबद्ध तरीके से अब तक बोर्ड परीक्षा दे चुके सभी विद्यार्थियों को यह सुविधा मिलेगी।

फिर भी जरूरत मूल दस्तावेजों की

दरअसल, शिक्षा बोर्ड (education board) की यह सुविधा विद्यार्थियों को तत्काल जरूरत के हिसाब से मुहैय्या कराई जा रही है। डिजीटल लॉकर में दस्तावेज तो मूल स्वरूप में होंगे, लेकिन उनकी कॉपी एक तरह से स्केन प्रतिलिपि की तरह होगी। नौकरी के लिए दस्तावेज सत्यापन, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य औपचारिकताओं में इस तरह की प्रतिलिपि मान्य नहीं होती।