12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जॉली एलएलबी शूटिंग केस में दो अभिनेताओं को मिली राहत, जानें हाईकोर्ट ने क्यों दावा किया खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में पिछले साल हुई जॉली एलएलबी-3 की शूटिंग के मामले में अभिनेता अक्षय कुमार, अरशद वारसी व निर्माता सुभाष कपूर को राहत दी।

2 min read
Google source verification

अजमेर डीआरएम कार्यालय, पत्रिका फोटो

राजस्थान हाईकोर्ट ने अजमेर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में पिछले साल हुई जॉली एलएलबी-3 की शूटिंग के मामले में अभिनेता अक्षय कुमार, अरशद वारसी व निर्माता सुभाष कपूर को राहत दी। कोर्ट ने तीनों के खिलाफ अजमेर जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष की ओर से दायर दावे काे खारिज कर दिया। जस्टिस अशोक कुमार जैन ने अक्षय कुमार भाटिया, अरशद वारसी व निर्माता सुभाष कपूर की पुनरीक्षण याचिका मंजूर करते हुए यह आदेश दिया।

कोर्ट की मानहानि वाले संवाद होने का अंदेशा

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर के अग्रवाल व अधिवक्ता पूर्वी माथुर ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल 25 अप्रेल से 10 मई तक अजमेर डीआरएम कार्यालय परिसर में जॉली एलएलबी-3 फिल्म की शूटिंग हुई। अजमेर जिला बार एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष चन्द्रभान सिंह राठौड़ ने फिल्म को लेकर सिविल कोर्ट में दावा पेश किया, जिसमें कहा कि फिल्म में वकीलों व कोर्ट की मानहानि वाले संवाद होने का अंदेशा है।

अक्षय कुमार व अन्य के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से कहा कि आशंका के आधार पर दावा नहीं चल सकता। निर्धारित राशि जमा करवाकर डीआरएम कार्यालय परिसर में शूटिंग की अनुमति ली है, इस कारण उपयोग पर आपत्ति नहीं की जा सकती। वहां आमजन का आना-जाना भी नहीं है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष की ओर से याचिका का विरोध किया गया।

अभिव्यक्ति की आजादी है, पर सीमा भी है-कोर्ट

हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 में अभिव्यक्ति की आजादी है, वहीं कानून में सीमा तय है। अभी फिल्म पूरी नहीं हुई है, ऐसे में वकीलों व जजों की छवि खराब करने की केवल आशंका है और उसके आधार पर दावा नहीं चल सकता। फिल्म के दृश्य को लेकर सेंसर बोर्ड में आपत्ति का प्रावधान है। ऐसे में दावा खारिज किया जाना उचित है।

यह भी पढ़ें:Rajasthan News: भ्रष्टाचार मामलों में कार्मिकों से पूछताछ की अनुमति, जानें क्यों आइएएस-आरएएस पर मेहरबानी!