दीपावली से पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन खास बात ये है कि अभियान के दौरान मिलावट के संदेह में जिन खाद्य पदार्थ का नमूना जांच के लिए लिया जा रहा है।
धौलपुर. दीपावली से पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन खास बात ये है कि अभियान के दौरान मिलावट के संदेह में जिन खाद्य पदार्थ का नमूना जांच के लिए लिया जा रहा है। उनकी रिपोर्ट दीपावली के बाद आएगी। लिए गए नमूने की जांच में करीब १४ दिन लगते हैं। अब जबकि त्योहार का अवकाश है तो जांच में २० दिन या उससे अधिक भी लग सकते हैं। तब तक यह खाद्य पदार्थ आमजन के पेट में चला जाएगा। यानि यह माल बिक जाएगा और उपभोक्ता उसका उपयोग भी कर लेगा। इसको लेकर खुद स्वास्थ्य विभाग भी हैरानी जताता है। फिलहाल ये है कि दिवाली त्योहार पर स्वास्थ्य को बिना बिगड़े सतर्क होकर अच्छी गुणवत्ता की मिठाई खरीदें जिससे किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे।
भरतपुर लैब पर कार्य का दबाव
धौलपुर से खाद्य पदार्थ के नमूनों की जांच संभाग स्तरीय भरतपुर लैब में होती है। वहां पूरे संभाग से सैम्पल जाते हैं। इस कारण कार्य का अधिक दबाव रहता है। इस कारण जांच रिपोर्ट आने में देरी हो जाती है। इससे पहले सैम्पल अलवर लैब में जाते थे। लेकिन भरतपुर में लैब तैयार होने पर अब यहां पर नमूने भेजे जाते हैं। लैब में एक नमूने की जांच रिपोर्ट के लिए करीब १४ दिन का इंतजार करना पड़ता है। नमूना फेल होने पर ही संबंधित दुकानदार के खिलाफ विभाग की ओर से केस दर्ज होता है।
दीवाली सीजन में लिए जा चुके ५३ नमूने
धौलपुर जिले में जो अभियान चल रहा है। इसके तहत अभी तक जिलेभर से विभिन्न खाद्य पदार्थों के ५३ नमूने लिए जा चुके हैं। इन नमूनों को लेकर लैब में जांच के लिए भेजा गया है। इनमें तेल, घी, मावा, मिठाई व दूध शामिल है। इनकी रिपोर्ट दीपावली के बाद यानि १४ दिन बाद आएगी। हालांकि, दिवाली के चलते नमूने संभाग के अन्य जिलों से भी पहुंच रहे हैं। जिससे भरतपुर लैब पर कार्य का दबाव बना हुआ है। इसलिए जांच रिपोर्ट आने में २० से अधिक दिन भी लग सकते हैं। दीपावली के बाद इसी माल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह खतरनाक होगा। क्योंकि रिपोर्ट आने तक यह माल आमजन के पेट में चला जाएगा।
रात ११ बजे तक चली खाद्य विभाग की कार्रवाई