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खेत में फसल सिंचाई के लिए तालाब गया था,लेकिन आ गई मौत

तालाब की मोरी खोलने गया युवक पैर फिसलने से पानी में डूबा, दलदल में फंसने से शव पानी की सतह पर नहीं आ पाया, अजमेर से पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाला शव

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खेत में फसल सिंचाई के लिए तालाब गया था,लेकिन आ गई मौत

तालाब से शव की तलाश के लिए घटनास्थल पर पहुंची अजमेर की एनडीआरएफ की टीम।

Youth dies अजमेर. उसे क्या पता था कि खेत में फसल सिंचाई के लिए जिस तालाब पर वह जा रहा है। वहां उसे मौत मिलेगी। परिजन से वह यह कहकर गया था कि तालाब की मोरी खोलकर जल्द वापस आ रहा हूं। काफी देर तक युवक नहीं लौटा तो घर वालों ने तलाश किया, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आया।

आशंका होने पर परिजन तालाब पहुंचे तो वहां युवक के जूते मिले। तालाब किनारे ही पैर फिसलने के चिह्न नजर आए। इसके चलते परिजन को किसी अनहोनी की आशंका हुई। सराना थाना पुलिस को सूचना देकर मौके पर बुलाया। ग्रामीणों व पुलिस ने अपने स्तर पर शव को पानी में ढूंढा,लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।

दलदल में फंसा शव

सराना थाना क्षेत्र के भिलाड़ा गांव निवासी रतनलाल (40) अपने खेत में रबी की फसल सिंचाई के लिए पास के तालाब की मोरी (चैनल गेट) खोलने गया था। तालाब की पाल (कच्ची दीवार) पर जाते ही उसका पैर फिसल गया। संतुलन बिगडऩे पर पैरों से जूते-चप्पल तालाब किनारे खुल गए और वह पानी में जा डूबा। तालाब किनारे दलदल होने से रतनलाल उसमें धंसता चला गया। उसने बचने के लिए हाथ-पैर मारे भी होंगे तो दलदल से कोई निकल नहीं पाता,बल्कि भीतर धंसता चला जाता है। यही वजह रही कि घटना के चार दिन बाद भी शव पानी की सतह पर नहीं आ पाया।

एनडीआरएफ को मिली कामयाबी

ग्रामीणों और पुलिस ने शव की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी,लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिर पुलिस ने अजमेर से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया। टीम के सदस्यों ने कड़ी मशक्कत के बाद शव को ढूंढ निकाला। युवक के पिता लालाराम भील के अनुसार इस साल बारिश अच्छी होने से तालाब लबालब था। इससे फसल सिंचाई में किसानों को काफी सहायता मिल रही है, लेकिन उसे क्या पता था कि तालाब का यही पानी उसके बेटे की जान ले लेगा।

शव देखते ही बिलख पड़े परिजन

घटना के चार दिन बाद शव को जैसे ही घर लाया गया तो परिजन का रो-रोकर बुरा हाल रहा। पत्नी बेसुध हो गई। बच्चे बिलखते रहे। पिता के बुढ़ापे का सहारा छिन गया। मां की कोख का लाल काल का ग्रास बन गया। इससे पहले नसीराबाद के राजकीय चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपा। बाद में गमगीन माहौल में शव का अंतिम सस्कार किया गया।