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अलीगढ़ में जिंदगी की जंग लड़ रहे 800 मासूमों को करना होगा इंतजार, 2027 में ही होगा मुफ्त इलाज

एएमयू के जवाहरलाल नेहरू हॉस्पिटल में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों का इलाज मुफ्त में होता है। हालांकि लंबी वेटिंग के कारण इनका इलाज समय पर नहीं हो पा रहा है।

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अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में 800 बच्चों को अभी भी इलाज का इंतजार है। संसाधनों और सुविधाओं के अभाव में इन्हें मौका नहीं मिल रहा है। रोगियों की लंबी लाइन के चलते उन्हें 5 साल बाद यानी 2027 तक इलाज मिलना ही संभव होगा।

मासूमों में दिल के मरीज भी शामिल
इन मरीजों में 18 साल की उम्र वाले दिल के रोगी बच्चे भी शामिल हैं। देश भर में बच्चों के इलाज पर करोड़ों रुपए खर्च होता हैं फिर बहुत बच्चे इलाज से वंचित हैं। मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों के अनुसार दिल रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कॉलेज के पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी डिपार्टमेंट प्रमुख आजम हसीन ने बताया कि 1000 में 10 बच्चों में दिल की बीमारी जन्मजात है।

इस गंभीर हालात पर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत की गई थी। इसमें चार बीमारियों को शामिल किया गया। इन बीमारियों में जन्म के समय किसी तरह का विकार, बच्चों में बीमारियां, विकलांगता, कमजोरी आदि शामिल हैं।

पश्चिमी यूपी में केवल एक सेंटर
पश्चिमी यूपी के एएमयू मेडिकल कॉलेज में केवल एक सेंटर है जहां ऐसे बच्चों का मुफ्त इलाज किया जाता है। हालांकि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त बच्चों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि करीब 800 बच्चे वेटिंग में है। इन्हें एक साल से 5 साल तक इंतजार करने को कहा गया है।

15 करोड़ में खुली स्पेशल यूनिट
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में 15 करोड़ की लागत से स्पेशल यूनिट खोला गया है। इसे साल 2018 में खोला गया था। इन यूनिट में प्रदेश के अलावा देश भर से बच्चों को मुफ्त इलाज के लिए भेजा जाता है।

इन बीमारियों का होता है इलाज
इस स्पेशल यूनिट में दिल में छेद, खून की नसे सिकुड़ना, रूकावट आना, वाल्व खराब जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है। पिछले चार 4 सालों में 1000 बच्चों का इलाज यहां हो चुका है।