इस समस्या को देखते हुए इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों ने ‘एलेक्सा सॉफ्टवेयर’ तैयार किया गया। यह लोको पायलटों और गार्डों के लिए एक कंप्यूटर आधारित परामर्श प्रणाली है, इसे ध्वनि नियंत्रण के माध्यम से संचालित किया जाएगा।इसके सामने खड़े होकर रेलकर्मी संरक्षा आदि से जुड़े जो भी सवाल पूछेंगे उसका जवाब उन्हें एलेक्सा द्वारा बोल कर दिया जाएगा।
दो वर्ष में 160 किमी की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन का निरीक्षण करने के बाद सीआरबी ने एनसीआर मुख्यालय में अफसरों के साथ बैठक की। इस दौरान मिशन रफ्तार के तहत ट्रेनों की स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा किए जाने को लेकर उत्तर मध्य रेलवे के दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुुंबई रेलमार्ग में किए जा रहे कार्यों के बारे में उन्होंने जानकारी ली। यहां अफसरों ने बताया कि अगले दो वर्ष के भीतर एनसीआर के इन दोनों रेलमार्गों में ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 किमी प्रतिघंटा की हो जाएगी।