
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- विलंब के आधार पर जीएसटी रिफंड आवेदन की अस्वीकृत नहीं है वैध
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जीएसटी को लेकर टिप्पणी किया है। कोर्ट ने मामले सुनवाई करते हुए कहा कि माल और सेवाकर के तहत धन वापसी आवेदन को केवल देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है। मामले यह आदेश न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने गाना लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है। मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि याची के धन वापसी आवेदन को प्रतिवादी द्वारा केवल देरी के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है। ऐसे करने से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अवलेहना कर रहा है।
मामले में याची ने अप्रैल से जून 2018, जुलाई से सितंबर 2018 और अक्टूबर से दिसंबर 2018 तक की कर अवधि के लिए रिफंड आवेदन दायर किया और किसे विभाग ने खारिज कर दिया है। मामले में विभाग द्वारा पारित आदेश के अनुसार सीजीएसटी अधिनियम की धारा 54(1) के तहत रिफंड आवेदन दाखिल करने की सीमा की अवधि सितंबर 2020 में समाप्त हो गई। इसके साथ ही विभाग द्वारा बढ़ाई गई अवधि भी 30 सितंबर 2020 को समाप्त हो गई। याची ने 31 मार्च 2021 को रिफंड आवेदन दाखिल किया, जिसे देरी के आधार पर खारिज कर दिया गया।
मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विलंब के आधार पर जीएसटी रिफंड आवेदन की अस्वीकृत वैध नहीं है। मामले धन वापसी के आवेदन को खारिज नहीं किया जा सकता है।
Published on:
17 Mar 2022 12:09 pm
बड़ी खबरें
View Allप्रयागराज
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
