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सावधान! महाकुंभ के नाम पर Scam, ऐसे करें Fake वेबसाइट की पहचान

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ क्षेत्र में ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर साइबर ठग फर्जी वेबसाइट के नाम पर ठगी कर रहे हैं। ऐसे में नकली वेबसाइट की पहचान करें, आइए जानते हैं…

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Maha Kumbh 2025: अगर आप महाकुंभ में जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अगर आप भी ऑनलाइन बुकिंग करने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाइए। प्रयागराज में नामी होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग के नाम पर ठगी की जा रही है। ऐसी ही एक शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।

आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक ऐसी लगभग 54 वेबसाइट बंद की गई हैं। दरअसल, महाकुंभ में आने की तैयारी श्रद्धालुओं ने अभी से शुरू कर दी है। ऐसे में दूर-दराज के श्रद्धालुओं मेला क्षेत्र के टेंट हाउस व शहर के नामी होटलों में एडवांस कमरा बुक कर रहे हैं। ऐसे में साइबर ठग होटलों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर QR कोड से वसूली कर रहे हैं।

नामी होटलों के नाम पर 50 से ज्यादा फर्जी वेबसाइट

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर थाना प्रभारी राजीव कुमार तिवारी का कहना है कि शहर के 50 से अधिक होटल के नाम पर फर्जी वेबसाइट बना ली गई हैं। होटल कान्हा श्याम के अलावा होटल अजय इंटरनेशनल, मारवाड़ी धर्मशाला समेत कई होटलों के नाम पर श्रद्धालु ठगे जा रहे हैं।

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अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं

नवंबर में महाकुंभ में टेंट बुकिंग के नाम पर kumbhcottagebooking.com आदि वेबसाइट से ठगी की शिकायत मिलने पर साइबर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। लेकिन, मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। वहीं, अब साइबर पुलिस का दावा है कि फर्जी वेबसाइट से चल रहे ठगी के खेल को बंद कर दिया गया है। अब तक लगभग 54 वेबसाइट बंद की गई हैं।

पुलिस रडार पर 44 और वेबसाइट

प्रदेश के चुनिंदा साइबर एक्सपर्ट्स की एक स्पेशल टीम बुलाई गई है। फेक, डार्क वेबसाइट व सोशल मीडिया के शातिरों से श्रद्धालुओं को बचाने के लिए संदेहास्पद 44 वेबसाइटों को रडार पर लिया गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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ऐसे पहचानें फर्जी वेबसाइट

आपको बता दें कि फर्जी वेबसाइट्स असली वेबसाइट की नकल होती हैं, लेकिन कुछ अक्षर में बदलाव रहता है। ऐसे में खुद को ठगी से बचाने के लिए, इन बातों का ध्यान रखें।

■ यूआरएल की अच्छी तरह से जांच कर लें।

■ वेबसाइट का यूआरएल https:// से शुरू हो रहा हो, लॉक आइकन हो । 

■ केवल सरकारी या प्रमाणित एजेंसियों से ही बुकिंग करें।

■ बुकिंग के नाम पर वेबसाइट या व्हाट्सएप से मिले एपीके फाइल को इंस्टॉल न करें।