
Mahant Narendra Giri Death Funeral Rites to be Performed on 21 September
प्रयागराज. Mahant Narendra Giri Death Funeral Rites to be Performed on 21 September. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की सोमवार की शाम 5:30 बजे अल्लापुर स्थित बाघम्बरी मठ पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रयागराज के बाघंबरी मठ में उनकी लाश फांसी के फंदे से लटकती मिली। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। इस नोट में उन्होंने एक शिष्य से दुखी होने का जिक्र किया है। उनकी मौत का सीधा शक शिष्य आनंद गिरि पर है जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। महंत नरेंद्र गिरी के पास से मिले सुसाइड नोट में आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी पर मानसिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। इस आधार पर कई लोगों ने उनकी मौत को हत्या कहा है। बता दें कि मंगलवार 21 सितंबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के मौजूदगी में अंतिम संस्कार होगा। महंत के अंतिम संस्कार (Mahant Narendra Giri Cremation) में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Cm Yogi) भी शामिल होंगे।
2004 में संभला था बाघम्बरी मठ का कार्यभार
महंत नरेंद्र गिरी ने 2004 में बाघम्बरी मठ का कार्यभार संभाला था। गद्दी संभालने के बाद से ही जमीन, संपत्ति, पुलिस, राजनेता और कई मामले में उनके ऊपर आरोप लगाए जा चुके थे। दशकों से विवादों में घिरे महंत नरेंद्र ने गिरि ने सोमवार की शाम अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कर दिया।
महंत नरेंद्र गिरि से जुड़े चर्चित विवाद
अध्यक्ष पद पर रहते हुए महंत नरेंद्र गिरि कई विवादों से घिरे थे। महंत ने अपने सबसे करीबी शिष्य को आनंद गिरी को बाघम्बरी मठ से और लेटे हुए हनुमान मंदिर से निष्कासित कर दिया था। महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद के ऊपर मठ पैसों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाकर निष्कासित किया था। उसके बाद आनंद गिरि ने महंत के खिलाफ कई वीडियो सोशल मीडिया वायरल करके कई आरोप महंत नरेंद्र गिरि पर लगाये थे। इसके बाद महंत आनंद गिरि ने 26 मई को नरेंद्र गिरि के पैर पकड़कर माफी मांगकर विवाद खत्म करने का बात सोशल मीडिया में बताई थी।
- 17 नवंबर 2019 को बाघम्बरी मठ में उनके महंत आशीष गिरि के संदिग्ध मौत का आरोप भी महंत नरेंद्र गिरि के ऊपर लगाए गए थे। निरंजनी अखाड़ा के महंत आशीष गिरी बाघम्बरी मठ पर ही रहते थे। महंत के मौत के बाद कुछ लोगों ने महंत के ऊपर आरोप लगाया था।
- महंत नरेंद्र गिरि का 2012 में सपा विधायक से जमीनी विवाद था। हंडिया के विधायक महेश नारायण से लंबे समय तक जमीनी विवाद चला था। इस मामले में महंत ने जार्जटाउन थाने में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।
- मंदिर के रुपये का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगा था। महंत के करीबी शिष्य आनंद गिरी ने वीडियो वायरल करके बार बालाओं पर मंदिर के कमाई का गलत इस्तेमाल करना और बार बालाओं के ऊपर उड़ाने का आरोप लगाया था। इस मामले में महंत ने बयान में बताया था कि जिसके घर में शादी थी उन्होंने ने यह रुपये दिया था और आशीर्वाद देने को कहा था।
- महंत नरेंद्र गिरि ने किन्नर अखाड़ा को अखाड़ा परिषद में मान्यता नहीं दी थी। इसे लेकर कई बार किन्नर अखाड़ा के सदस्य विवाद में घिरे थे। कुम्भ के दौरान भी किन्नर अखाड़ा को मान्यता नहीं देने से विवाद बढ़ा था।
- महंत नरेंद्र गिरि के गनर के ऊपर आय से अधिक संपत्ति होने का भी आरोप लगाए थे। महंत के गनर अजय सिंह के रहने और ठाठ बाट पर सवाल उठाए गए थे।
- महंत नरेंद्र गिरि ने क्रिया योग गुरु सत्यम योगी पर धमकी देने का मुकदमा दारागंज थाने में लिखाया था। 2018 में क्रिया योग सत्यम योगी से विवाद हुआ था। विवाद के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने योगी सत्यम को फर्जी बाबा के सूची में डाल दिया था।
Published on:
21 Sept 2021 08:58 am
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