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इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: माता- पिता बेटे की मौत के लिए बहु नहीं होती है जिम्मेदार, विधवा पत्नी को मिले अनुकंपा नियुक्ति

locationप्रयागराजPublished: May 24, 2022 01:22:28 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दीपिका शर्मा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, कुशीनगर को उनके पति की मृत्यु के कारण अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस मामले में उनके पति को 2015 में इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड के बेसिक स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन सितंबर 2021 में उनकी मृत्यु हो गई।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: माता- पिता बेटे की मौत के लिए बहु नहीं होती है जिम्मेदार, विधवा पत्नी को मिले अनुकंपा नियुक्ति

इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: माता- पिता बेटे की मौत के लिए बहु नहीं होती है जिम्मेदार, विधवा पत्नी को मिले अनुकंपा नियुक्ति

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माता-पिता द्वारा लगाए गए बहु पर आरोप को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ नाथ की पीठ ने कहा कि अधिकांश माता-पिता, जिनके बेटे की असमय मृत्यु हो जाती है, अपनी विधवा को उसकी मृत्यु के लिए दोषी ठहराते हैं और उसे उसके पति की संपत्ति से वंचित करने के लिए, उचित और बेईमानी से हर तरह का सहारा लेकर उससे छुटकारा पाना चाहते हैं। यह काम करना बिल्कुल गलत है। इसलिए विधवा पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दीपिका शर्मा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, कुशीनगर को उनके पति की मृत्यु के कारण अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस मामले में उनके पति को 2015 में इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड के बेसिक स्कूल में सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन सितंबर 2021 में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, कुशीनगर में आवेदन किया।
आवेदन में उसने कहा कि उसके पास आय का कोई स्रोत नहीं है और अपने पति की मृत्यु के बाद, वह और उसका एक साल का बच्चा भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। मामले में ससुर ने यह आरोप लगाया है कि उसके बेटे को परेशान कर रही थी, जिससे वह बीमार हो गया और मर गया। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता की अपने बेटे के प्रति क्रूरता के परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हुई।
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इस मामले में मृतक के पिता ने कुशीनगर में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपने पक्ष में एक वसीयत भी भेजी। उपरोक्त तथ्यों के कारण, याचिकाकर्ता की अनुकंपा नियुक्ति लंबित रही, इसलिए उसने न्यायालय में याचिका दायर की। कोर्ट ने कहा कि यदि सरकारी सेवा में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी या पति, बेटे और अविवाहित और विधवा बेटियां अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र हैं।
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