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गम्भीर रोग से ग्रसित गरीब मरीज का इलाज कर रेलवे के डॉक्टर ने पेश की मानवता की मिसाल

केंद्रीय चिकित्सालय ने चिकित्सा निदेशक डॉक्टर एसके हंडू के नेतृत्व में देश ही नही अपितु पूरे विश्व में अपनी पहचान कायम की है। इस बार इस चिकित्सालय ने साबित कर दिया है की इसका हर मरीज भगवान समान है चाहे वो गरीब हो या अमीर या जिसका कोई नही है उसका इस हॉस्पिटल के कर्मचारी है।

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केंद्रीय चिकित्सालय ने चिकित्सा निदेशक डॉक्टर एसके हंडू के नेतृत्व में देश ही नही अपितु पूरे विश्व में अपनी पहचान कायम की है। इस बार इस चिकित्सालय ने साबित कर दिया है की इसका हर मरीज भगवान समान है चाहे वो गरीब हो या अमीर या जिसका कोई नही है उसका इस हॉस्पिटल के कर्मचारी है।

केंद्रीय चिकित्सालय उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज में एक वृद्ध पति पत्नी ने भावभीभोर होके उत्तर मध्य रेलवे के प्रसिद्ध डाक्टर संजय कुमार को आशीर्वाद दिया और हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉ संजीव कुमार हंडू को विशेष आभार व्यक्त किया।

कानपुर निवासी के दोनो पैरो में गैंग्रीन हो जोन के कारण डॉक्टरों ने दोनो पैर काटने को कहा। परंतु डॉक्टरों के इस फैसले से मरीज की पत्नी उर्मिला देवी अपने पति के पैर कटे जाने से बहुत दुखी हुई। क्योंकि बुढ़ापे में उसके पति के अलावा कोई सहारा नही था। उर्मिला देवी ने अपने मरीज को डॉक्टर संजय कुमार उत्तर मध्य रेलवे के सर्जन से अंतर्गत भर्ती करवाया और आग्रह किया की किसी भी तरह से मेरे पति का पैर कटने के बच जाय।

डॉक्टर संजय ने बुर्जर रोग (थ्रोम्बोएंजाइटिस ओब्लिटेरेंस) के रूप में इसकी पहचान किया। जो मधुमेह और संक्रमण के कारण गैंगरीन में बदल गया था जिससे मरीज को असहनीय दर्द और चलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था।

कुल मिलाकर मरीज के जीवन में घोर निराशा थी। दैनिक कार्य करने में भी रेंग कर चलना पड़ता था । मरीज और उसके पास हॉस्पिटल के स्टाफ के अलावा कोई भी साथ में नहीं था। दिन रात एक करके उसके पैरो का इलाज किया गया दो बार सर्जरी की गई अंततः7 महीने के उपचार के बाद दिनांक 17/8/24 को मरीज के दोनो पैरों को बचा लिया गया और जब मरीज अपने पैर पे खुद चल के दिखाया तो डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के आंखो में खुशी के आंसू आ गए। मरीज को सकुशल डिस्चार्ज कर दिया गया।