scriptताजमहल के अंदर सीलबंद कमरे को खोलने की उठी मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानिए पूरा मामला | There was a demand to open the sealed room inside the Taj Mahal | Patrika News

ताजमहल के अंदर सीलबंद कमरे को खोलने की उठी मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानिए पूरा मामला

locationप्रयागराजPublished: May 09, 2022 02:32:39 pm

Submitted by:

Sumit Yadav

मामले में रजनीश सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में सरकार को ‘ताजमहल के वास्तविक इतिहास’ के अध्ययन और प्रकाशन के लिए एक फेक्ट-फाइंडिग कमेटी का गठन करने और इसके आसपास के विवाद को खत्म करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याची की तरफ से अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में आगे कहा गया है कि समूहों ने दावा किया है कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है जिसे ‘तेजो महालय’ के नाम से जाना जाता था और यह कई इतिहासकारों द्वारा भी समर्थित है।

ताजमहल के अंदर सीलबंद कमरे को खोलने की उठी मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानिए पूरा मामला

ताजमहल के अंदर सीलबंद कमरे को खोलने की उठी मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर, जानिए पूरा मामला

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के सक्षम आगरा ताजमहल के विवाद को लेकर याचिका दायर की गई है। इस याचिका के माध्यम से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ताजमहल परिसर के अंदर 20 से अधिक कमरों के सीलबंद दरवाजों को खोलने का निर्देश देने की मांग की गई है। कमरे खुलने से ताजमहल के इतिहास से संबंधित कथित विवाद को हल किया जा सके। इस मामले में रजनीश सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका में सरकार को ‘ताजमहल के वास्तविक इतिहास’ के अध्ययन और प्रकाशन के लिए एक फेक्ट-फाइंडिग कमेटी का गठन करने और इसके आसपास के विवाद को खत्म करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
याची की तरफ से अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में आगे कहा गया है कि समूहों ने दावा किया है कि ताजमहल एक पुराना शिव मंदिर है जिसे ‘तेजो महालय’ के नाम से जाना जाता था और यह कई इतिहासकारों द्वारा भी समर्थित है। याचिका में कहा गया है, यह सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि कई वर्षों से एक विवाद चरम पर है। कुछ हिंदू समूह और प्रतिष्ठित संत इस स्मारक को पुराने शिव मंदिर के रूप में दावा कर रहे हैं जो कई इतिहासकारों और तथ्यों द्वारा समर्थित हैं, हालांकि कई इतिहासकार इसे मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा निर्मित ताजमहल के रूप में मानते हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि शिव मंदिर सा प्रतीत होता है। इसी विवाद को सुलझाने के लिए याचिका दायर की गई है।
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ताजमहल के कथित इतिहास पर आगे बताते हुए याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत कियान है कि कई इतिहास की किताबों में यह है कि 1212 ईस्वी में, राजा परमर्दी देव ने तेजो महालय मंदिर महल (वर्तमान में ताजमहल) का निर्माण किया था। मंदिर बाद में जयपुर के तत्कालीन महाराजा राजा मान सिंह को विरासत में मिला था। उनके बाद, संपत्ति राजा जय सिंह द्वारा आयोजित और प्रबंधित किया गया था, लेकिन शाहजहां ने 1632 में कब्जा कर लिया गया था और बाद में इसे शाहजहां की पत्नी के स्मारक में बदल दिया गया था।
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