
UPPSC Protest: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पीसीएस 2024 व आरओ/एआरओ 2023 प्रारंभिक परीक्षाएं एक दिन और एक पाली में कराने की मांग को लेकर तीन दिन से धरना दे रहे प्रतियोगी छात्रों ने सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं। छात्रों का कहना है कि जब पड़ोसी राज्य बिहार का लोक सेवा आयोग संयुक्त सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में करा सकता है तो क्या उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ऐसा क्यों नहीं कर सकता है? क्या यूपीपीएससी बीपीएससी से भी गया गुजरा है?
दरअसल, बिहार में 38 जिले हैं जिनमें से 34 जिलों में 13 नवंबर को परीक्षा प्रस्तावित है। बिहार की परीक्षा के लिए पौने पांच लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है और यूपीपीएससी के लिए पौने छह लाख आवेदक हैं। आंदोलन कर रहे छात्रों का सरकार से सवाल है कि क्या यूपी के 75 जिलों में प्रारंभिक परीक्षा नहीं कराई जा सकती। आखिर क्या मजबूरी है कि यूपी में सिर्फ 41 जिलों में ही परीक्षा कराई जा रही है।
लोक सेवा आयोग के बाहर चल रहे आंदोलन में हजारों छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। लड़कों के साथ ही लड़कियां धरनास्थल पर डटी हैं तो दिव्यांग छात्र भी पूरे जोश के साथ आवाज बुलंद करने पहुंच रहे हैं। दिव्यांग अभ्यर्थियों का कहना है कि मानकीकरण के कारण भेदभाव होना तय है इसलिए जब तक यह फैसला वापस नहीं होता वह धरना स्थल से नहीं हिलेंगे।
UPPSC के खिलाफ हो रहे आंदोलन की आंच कई जिलों में पहुंच गई। लखनऊ में लगातार दूसरे दिन छात्रों ने प्रदर्शन किया। मेरठ में सुबह 11 बजे ही छात्रों ने जुलूस निकाला। गोरखपुर में छात्रों ने हाथ में कैंडल मार्च निकाला। उरई जालौन में छात्रों ने रैली निकाली। लखीमपुर खीरी में भी छात्रों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
Published on:
14 Nov 2024 11:23 am
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