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तीन हजार की ओपीडी पर 25 दवा वितरण केंद्रों की जरूरत, मगर यहां 14 ही

जिला अस्पताल में दवा वितरण केन्द्रों की कमी के कारण मरीजों को दवा लेने के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। विभागीय गाइड-लाइन के अनुसार तीन हजार मरीजों की ओपीडी पर 25 दवा वितरण केन्द्र बनाए जाने का प्रावधान है। वहीं, जिला अस्पताल में 16 दवा वितरण केन्द्र स्वीकृत हैं। मगर इनमें से भी 14 दवा वितरण केन्द्र ही संचालित हो रहे हैं।

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जिला अस्पताल के दवा वितरण केन्द्रों का हाल, मरीजों को हो रही परेशानी
अलवर. प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री निशुल्क दवा वितरण योजना के तहत मरीजों को निशुल्क दवाएं उपलब्ध करा रही है, लेकिन जिला अस्पताल में दवा वितरण केन्द्रों की कमी के कारण मरीजों को दवा लेने के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। विभागीय गाइड-लाइन के अनुसार तीन हजार मरीजों की ओपीडी पर 25 दवा वितरण केन्द्र बनाए जाने का प्रावधान है। वहीं, जिला अस्पताल में 16 दवा वितरण केन्द्र स्वीकृत हैं। मगर इनमें से भी 14 दवा वितरण केन्द्र ही संचालित हो रहे हैं।
स्थायी फार्मासिस्ट के पद भी कम किए
सामान्य अस्पताल में 11, जनाना में एक और शिशु अस्पताल में 2 दवा वितरण केन्द्र संचालित हैं। जिन पर पहले 21 स्थायी फार्मासिस्ट और 7 संविदाकमियों की नियुक्ति थी। रिव्यू के कारण करीब एक साल पहले फार्मासिस्ट के 10 पद कम कर दिए गए।
वर्तमान में जिला अस्पताल में 9 स्थायी फार्मासिस्ट सेवाएं दे रहे हैं। इसमें एक फार्मासिस्ट अधीक्षक और 4-4 ग्रेड प्रथम व ग्रेड द्वितीय के फार्मासिस्ट शामिल हैं। वहीं, 11 फार्मासिस्ट संविदा पर कार्य कर रहे हैं। मरीजों का कहना है कि अस्पताल का अपग्रेडेशन हो रहा है, लेकिन स्थायी कर्मचारी नहीं होने से सेवाओं का स्तर लगातार गिर रहा है।

दवा वितरण केन्द्रों के लिए यह है नियम
नियमानुसार 100 से 120 मरीजों की ओपीडी पर एक दवा वितरण केन्द्र का प्रावधान है। साथ ही प्रत्येक दवा वितरण केन्द्र पर एक फार्मासिस्ट, एक डेटा एंट्री ऑपरेटर व एक दवा वितरण सहायक की नियुक्ति होनी चाहिए। लेकिन, जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या के अनुपात में नियमानुसार दवा वितरण केन्द्रों का संचालन नहीं हो रहा है। इसके कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।