अलवर. शहर में 9 कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां 72 घंटे में एक बार पानी की सप्लाई हो रही है। इसी तरह 48 कॉलोनियां ऐसी हैं जहां 50 घंटे बाद पानी मिल रहा है। पानी के लिए लोग रातभर जाग रहे हैं, क्योंकि सप्लाई का समय तय नहीं है। कुछ जगह तो रातभर जागने के बाद भी कम पानी मिल रहा है।
चिंताजनक हालात: 48 कॉलोनियों में 50 घंटे बाद मिल रहा पानी, रातभर जाग रहे लोग
अलवर. शहर में 9 कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां 72 घंटे में एक बार पानी की सप्लाई हो रही है। इसी तरह 48 कॉलोनियां ऐसी हैं जहां 50 घंटे बाद पानी मिल रहा है। पानी के लिए लोग रातभर जाग रहे हैं, क्योंकि सप्लाई का समय तय नहीं है। कुछ जगह तो रातभर जागने के बाद भी कम पानी मिल रहा है। लोगों की शिकायत है कि जब जलदाय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन किया जाता है तो वे फोन नहीं उठाते और शिकायत देते हैं तो 10 से 15 दिन बाद भी निवारण नहीं होता है। जिला कलक्टर ने पानी सप्लाई पर निगरानी और रोज फील्ड में विजिट करने के आदेश जारी कर रखे हैं, लेकिन फील्ड विजिट के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
कागजों में दौड़ रहे पानी की टैंकर
शहर में लोगों की प्यास बुझाने के लिए जलदाय विभाग की ओर पानी के टैंकरों का टेंडर किया गया है, लेकिन लोगों का आरोप है कि टैंकर या तो कागजों में दौड़ रहे हैं या फिर प्रभावशाली लोगों के घरों में जा रहे हैं। स्कीम नंबर एक में पिछले एक सप्ताह से पानी का संकट है, लेकिन न तो पानी की सप्लाई में सुधार किया जा रहा है और न ही टैंकरों से पानी की सप्लाई हो रही है। लोगों का कहना है कि पानी के टैंकर के लिए अगर सुबह फोन करें तो टैंकर अगली सुबह तक भी नहीं पहुंचता है। फोन करने पर भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है।
इन इलाकों में गहरा रहा पानी का संकट
पुराने शहर में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है। मुंशी बाग, मंशा माता मंदिर क्षेत्र, महल चौक, स्कीम 1 व 2, चमेली बाग, बिजलीघर के आसपास, बुद्ध विहार, हसन खां मेवात नगर, शांतिकुंज आदि क्षेत्रों में पानी का संकट ज्यादा है। अलवर शहर को 95 एमएलडी पानी की आवश्यकता है, लेकिन अभी 35 एमएलडी पानी मिल रहा है।