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नए साल में कांग्रेस व भाजपा की क्या है अ​ग्नि परीक्षा

नया साल प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए रहेगा चुनौती भरा रहेगा। कांग्रेस व भाजपा की लोकसभा चुनाव में फिर होगी अगिन परीक्षा। नगर निगम सहित अन्य निकायों के चुनाव भी इसी साल होंगे, इन चुनावों में इन दलों की कड़ी परीक्षा होगी।

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अलवर

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Prem Pathak

Jan 02, 2024

नए साल में कांग्रेस व भाजपा की क्या है अ​ग्नि परीक्षा

नए साल में कांग्रेस व भाजपा की क्या है अ​ग्नि परीक्षा

नव वर्ष 2024 प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए चुनौती भरा रहने वाला है। कारण है इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं और भाजपा एवं कांग्रेस के लिए ये चुनाव अग्नि परीक्षा होंगे। वहीं तीसरे मोर्चे के दल भी इन चुनावों में अपनी मजबूत उपिस्थति दर्ज कराना चाहेंगे।

बीते साल की तरह यह वर्ष भी चुनावी रहने वाला है। इस वर्ष लोकसभा का चुनाव निर्धारित है। वहीं साल के अंत में नगर निगम एवं अन्य निकायों के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। हालांकि अगला साल भी चुनावी रहेगा, कारण है कि उस साल पंचायत राज एवं निकायों के चुनाव प्रस्तावित हैं। यानी विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद भी अभी दो साल चुनावी सीजन रहने वाला है।

लोकसभा चुनाव बड़ी चुनौती

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा एवं तीसरे दलों की कड़ी परीक्षा रही। हालांकि बीता साल कांग्रेस व भाजपा के लिए राजनीतिक दृष्टि से मिला जुला रहा। कारण है कि विधानसभा चुनाव परिणाम दोनों ही दलों के लिए बराबर से रहे। हालांकि विधानसभा चुनाव के परिणाम तीसरे मोर्चे के दलों के सुखद नहीं रह सके। नए साल में भी राजनीतिक दलों की परीक्षा कम नहीं हो सकी है। लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपनी सीट जीतकर प्रतिष्ठा बचाने और कांग्रेस काे अलवर लोकसभा सीट फिर से कब्जाने की चिंता है। वहीं तीसरे मोर्चे के दल भी इस बार अलवर लोकसभा क्षेत्र में उपिस्थति दिखाने की तैयारी में हैं।

तीन दशक से भाजपा व कांग्रेस के बीच कशमकश

अलवर लोकसभा क्षेत्र पर तीन दशक से कांग्रेस व भाजपा का कब्जा रहा है। एक दशक से इस सीट पर दो बार भाजपा और एक बार उप चुनाव में कांग्रेस काबिज रही है। इस बार फिर दोनों ही दल लोकसभा चुनाव में आमने- सामने रहने की उम्मीद है। ऐसे में अलवर लोकसभा सीट दोनों ही दलों के लिए प्रतिष्ठा का कारण बनी है।

प्रदेश में बनी सरकार, इसलिए भाजपा की परीक्षा बड़ी

विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है। वहीं पिछले दो लोकसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा का दबदबा रहा है। ऐसे में नई सरकार बनने के बाद अलवर लोकसभा सीट भाजपा के लिए बड़ी परीक्षा बन गई है।

नगर निगम चुनाव भी अग्नि परीक्षा

इस साल के अंत में अलवर नगर निगम के चुनाव होने हैं। वर्तमान में नगर निगम में भाजपा का महापौर काबिज है। वहीं पिछले नगर परिषद चुनाव में भी भाजपा ज्यादा वार्ड जीतने में सफल रही थी। इस कारण इस बार भी नगर निगम चुनाव में भाजपा के सामने अपनी प्रतिष्ठा बचाने की परीक्षा है।