28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान में चुनाव से पहले आई बड़ी खबर, तो इस वजह से खिसक सकती हैं दिग्गज नेताओं की कुर्सी

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव रंधावा ने उम्रदराज नेताओं को माइल स्टोन बनने की सीख दी है। यदि इस सीख को कांग्रेस ने लागू किया तो अलवर जिले में ही कई उम्रदराज नेता विधानसभा चुनाव टिकट की कतार से बाहर हो सकते हैं। जानिए कांग्रेस के उम्रदराज नेताओं के अरमानों पर कैसे फिर सकता है पानी....

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Prem Pathak

Jun 08, 2023

रंधावा की मानी सीख तो कई नेताओं की खिसकेगी कुर्सी

कांग्रेस फ्लैग


अलवर.
राज्य में कांग्रेस नेताओं के बीच चल रहे सियासी दंगल के बीच प्रदेश प्रभारी महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से उम्रदराज नेताओं को माइल स्टोन बनने की एक दिन पहले दी गई सीख ने जिले के कई बुजुर्ग नेताओं की चिंता बढ़ा दी है। अलवर जिले में 70 साल पार कर चुके चार-पांच नेता इस बार भी विधानसभा चुनाव टिकट पाने को लेकर जोर आजमाइश में लगे हैं। इनमें मौजूदा विधायकों से लेकर पूर्व मंत्री तक शामिल हैं।

प्रदेश में कांग्रेस खेमा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की सुलह कराने का दावा करने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव को धार देने में लगा है। यही वजह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बयान युवा-बुजुर्ग के बीच तालमेल बिठाने को लेकर बयान देने लगे हैं। एक दिन पहले जब प्रभारी रंधावा ने उम्रदराज नेताओं को पदों की चिंता छोड़, माइल स्टोन बनने की सलाह दी तो प्रदेश में बुजुर्ग नेताओं को लेकर नई चर्चा शुरू हो गई है।

---
विधायक-पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद आ सकते दायरे में

रंधावा के उम्रदराज नेताओं के माइल स्टोन बनने की सीख के बाद अलवर जिले के कांग्रेसियों में भी जिले के बुजुर्ग नेताओं को लेकर बहस छिड़ी है। इसमें अलवर जिले के 70 साल पार के नेताओं में विधायक जौहरीलाल मीणा, दीपचंद खैरिया, बाबूलाल बैरवा, पूर्व मंत्री दुर्रुमियां और पूर्व सांसद डॉ. करणसिंह यादव सहित अन्य कुछ नेताओं के नाम चल रहे हैं।
---

टिकट वितरण में धरे रह जाते हैं नियम-कायदे
हर बार चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में युवा-बुजुर्ग के बीच तालमेल बिठाने को लेकर तरह-तरह के बयान दिए जाते हैं। लेकिन इन बयानों पर टिकट वितरण के दौरान कम ही पालना होती है। गत विधानसभा चुनाव में भी बुजुर्ग नेताओं को टिकट से दूर रखने और लगातार दो बार चुनाव हारने वाले नेताओं को टिकट नहीं देने के लिए कहा गया, लेकिन टिकट वितरण में सभी नियमों पर धूल चढ़ गई।

---