
अलवर. रोडवेज में बुकिंग एजेन्टों की टीडीएस की राशि हजम करने का मामला छोटा नहीं बल्कि, काफी बड़ा है। रोडवेज के बुकिंग एजेन्टों की जिस कम्प्यूटर एजेन्सी ने राशि हजम की, उसके पास तिजारा व दिल्ली डिपो के कर्मचारियों की आयकर कटौती का जिम्मा भी है। खास बात यह है कि इस एजेन्सी से रोडवेज का कोई अनुबंध नहीं है। इसके बावजूद भी यह एजेन्सी अनुबंधित एजेन्सियों की भांति पिछले कई वर्षों से रोडवेज कर्मचारियों की आयकर कटौती की राशि को जमा करने का काम कर रही है। एजेन्सी के अलवर व मत्स्य नगर आगार में कार्यरत बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती (टीडीएस) की राशि हजम करने से तिजारा व दिल्ली के बुकिंग एजेन्टों में भी खलबली मच गई है। गाढ़ी कमाई के पैसे के हाथ से खिसकने की चिंता सताने लगी है।
एजेन्सी के खिलाफ दर्ज हो मामला
मामले में राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन ने रोडवेज प्रशासन से दोषी एजेन्सी के खिलाफ कार्रवाई कर मामला दर्ज कराने की मांग की है। फैडरेशन के उपाध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि मामले में पांच बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती से फर्जकारी साबित हो चुकी है। यह घोटाला और भी बड़ा निकल सकता है। गौरतलब है कि रोडवेज में अनुबंध पर कार्यरत बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती (टीडीएस) की राशि पर उसके ही एक अनुबंधित कर्मचारी ने सेंध लगा ली। अनुबंधित कर्मचारी ने पेन नम्बर में हेराफेरी कर एजेन्टों की कटौती की लाखों रुपए की राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। मामले का खुलासा एक बुकिंग एजेन्ट के रिटर्न भरने पहुंचने पर हुआ। एजेन्ट ने इसकी शिकायत रोडवेज प्रशासन से भी की।
तिमाही का लेखा-जोखा मांगा
मामले की अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। रोडवेज के अलवर आगार के मुख्य प्रबंधक ने कम्प्यूटर एजेन्सी (टोटल कम्प्यूटर) से कर्मचारियों के तीन साल के रिटर्न का तिमाही लेखा-जोखा मांगा है। मुख्य प्रबंधक ने मामले से रोडवेज मुख्यालय को अवगत करा एकाउंट्स के किसी सीनियर अधिकारी से जांच के लिए पत्र भी लिखा है।
Published on:
08 Feb 2018 09:55 am
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