अलवर. जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए खेल मैदान नहीं है। ऐसी स्थिति में जिले के सरकारी स्कूलों में कैसे खिलाड़ी तैयार होंगे? राज्य सरकार स्कूलों में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के दावे करती है, लेकिन खेल मैदान न होना सरकार की पोल खोल रहे हैं।
अलवर. जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों के खेलने के लिए खेल मैदान नहीं है। ऐसी स्थिति में जिले के सरकारी स्कूलों में कैसे खिलाड़ी तैयार होंगे? राज्य सरकार स्कूलों में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के दावे करती है, लेकिन खेल मैदान न होना सरकार की पोल खोल रहे हैं।
जिले के 16 ब्लॉकों में वर्तमान में 2842 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 1827 स्कूलों में ही खेल मैदान हैं। 1015 स्कूलों में खेल मैदान नहीं हैं। इन स्कूलों में एक लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में यह खेलों से दूर हैं। एक ओर सरकार शहरी व ग्रामीण खेलों का संचालन करने जा रही है। वहीं, दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में खेल मैदानों का अभाव है। ऐसे में स्कूल लेवल पर कैसे खिलाड़ी निखरेंगे।
जिले जिन की सरकारी स्कूलों में खेल के मैदान नहीं हैं, उन स्कूलों के आसपास सरकारी जमीन का प्रस्ताव बनवाकर संस्था प्रधान और एसडीएम को भेजे गए हैं। ताकि स्कूलों में खेल मैदान के लिए जमीन आवंटित हो सके।
मुकेश किराड़, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर
ब्लॉक स्कूल मैदान नहीं
बहरोड़ 113 13
बानसूर 244 164
कठूमर 214 64
कोटकासिम 117 51
मालाखेड़ा 138 52
मुण्डावर 184 25
किशनगढ़बास 194 29
थानागाजी 248 73
ब्लॉक स्कूल मैदान नहीं
तिजारा 286 40
रामगढ 228 185
राजगढ़ 215 126
रैणी 140 32
उमरैण 169 75
नीमराणा 115 114
गोविन्दगढ़ 104 32
लक्ष्मणगढ़ 133 53