
अवैध खनन से कुछ और पहाड़ चट होने के कगार पर
अलवर.
अवैध खनन के चलते जिस तरह भिवाड़ी के आसपास के कुछ गांवों में कई पहाड़ पूरी तरह चट हो चुके हैं। ठीक वैसे ही जिले में कुछ अन्य जगहों पर भी पहाड़ जमींदोज होने के कगार पर पहुंच गए हैं। अलवर जिला मुख्यालय के पास जटियाना में दो पहाड़ आधे से अधिक गायब हो चुके हैं। अवैध खनन इसी तरह रात को जारी रहा तो कुछ सालों बाद आधे अधूरे बचे पहाड़ भी नजर नहीं आएंगे। हो सकता है आने वाली पीढ़ी को कई जगहों पर पहाड़ देखने को ही नहीं मिलें।
अब रात को अवैध खनन अधिक
सुप्रीम कोर्ट की राज्य सरकार को बार-बार फटकार पडऩे के बाद दिन में जरूर कुछ अवैध खनन कम हुआ है लेकिन, अब रात्रि को अवैध खनन ज्यादा होने लग गया। रात को पहाड़ों से अवैध खनन का पत्थर सप्लाई होता है। बहुत सी जगहों पर तो पहाड़ों के आगे कच्चा-पक्का निर्माण कर लिया और पीछे की तरफ अवैध खनन होता है। ताकि बाहर से किसी को अवैध खनन होता नजर नहीं आए। आगे पक्का निर्माण होने के बाद पीछे रात भर पहाड़ में ब्लास्टिंग और जेसीबी चलती हैं। अन्दर परिसर से ही पत्थरों से भरे डम्पर व ट्रैक्टर भरकर निकलते हैं।
वहां जाने से डरता है खनन विभाग
जिले में खनन विभाग के जरिए अवैध खनन पर लगाम लगना संभव नहीं लग रहा। विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ तक नहीं है। जिसके कारण रात्रि को तो दूर दिन में भी विभाग गांवों में जाकर अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने से बचता है। अलवर शहर के निकट हो रहे अवैध खनन पर विभाग के अधिकारियों ने साफ कहा कि पुलिस-प्रशासन का सहयोग मिलने पर ही गांव में जाकर कार्रवाई की जा सकती है। वरना खनन माफिया आक्रमण करता है। ऐसा पहले हो चुका है। सरकार और विभाग की ढिलाई के कारण अवैध खनन बराबर जारी है।
दूसरे दिन बंद रहा अवैध खनन
राजस्थान पत्रिका में शनिवार को 'हनुमानजी नहीं, माफिया उठा रहे पहाड़Ó शीर्षक से अवैध खनन की रात्रि की तस्वीर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसके कारण रविवार को जटियाना सहित आसपास के पहाड़ों में अवैध खनन नजर नहीं आया। माफिया मौके से अपनी जेसीबी व ट्रैक्टर-ट्रॉली दूर ले गए। जिसका असर अन्य जगहों के अवैध खनन पर भी पड़ा है। लेकिन, स्थाई रूप से अवैध खनन तो विभाग व प्रशासन की सख्ती से ही रुक सकेगा।
Published on:
22 Feb 2020 09:46 pm
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