अलवर. राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय की स्थापना के एक दशक बाद भी यहां स्थाई परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस कारण विवि को प्रतिनियुक्ति के परीक्षा नियंत्रक से कार्य चलाना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय का मुख्य कार्य परीक्षा करवाना है, जिसमें भी अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं। विश्वविद्यालय के पास स्वयं का स्थाई परीक्षा नियंत्रक नहीं है।मत्स्य विश्वविद्यालय प्रदेश में राजस्थान विश्वविद्यालय के बाद छात्र संख्या के आधार पर बड़ी यूनिवर्सिटी है। इससे करीब सवा लाख छात्र जुड़े हैं। इतनी बड़ी छात्र संख्या के बाद भी मत्स्य विवि की ओर से परीक्षा नियंत्रक की स्थाई भर्ती नहीं की जा सकी है।
राजनीतिक पकड़ वाले बनते हैं परीक्षा नियंत्रकयहां इस पद के लिए अस्थाई रूप से किसी अधीनस्थ महाविद्यालयों से व्याख्याता को लगाया जाता है। इस पद पर राजनीतिक रूप से पकड़ रखने वाले लोग काबिज हो जाते हैं। जब तक यहां कार्य करने वाले परीक्षा नियंत्रक परीक्षा प्रणाली को लेकर अपनी समझ बनाते हैं, तब तक इनकी जगह दूसरा व्याख्याता आ जाता है। प्रदेश में सरकार बदलने पर यहां परीक्षा नियंत्रक बदल जाते हैं। इसका खमियाजा विश्वविद्यालय ही नहीं विद्यार्थियों को भी उठाना पड़ता है। मत्स्य विश्वविद्यालय के पास स्वयं के भौतिक और मानवीय संसाधन हैं लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पद परीक्षा नियंत्रक नहीं है।
गोपनीय कार्य, युवाओं के भविष्य का अधारविश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक से अधिक महत्वपूर्ण कोई पद नहीं है। इस पद पर आसीन व्यक्ति को बहुत से गोपनीय कार्य राज हित में करने होते हैं। परीक्षा प्रश्न पत्र मुद्रण से लेकर परीक्षा केन्द्र बनाने, परीक्षा स्थल तक प्रश्न पत्र पहुंचाने, उत्तर पुस्तिकाओं की जांच सहित परीक्षा परिणाम बनाने में पूरी गोपनीयता रहती है जिसमें उनसे कोई भी अधिकारी उनसे यह गोपनीय जानकारी नहीं ले सकता है। ऐसे में परीक्षा नियंत्रक का महत्वपूर्ण पद ही डेपूटेशन के भरोसे चल रहा है।
चार साल में नहीं मिला योग्य परीक्षा नियंत्रक 9 अगस्त 2017 को तत्कालीन कुलपति भारत सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक में कहा गया कि परीक्षा नियंत्रक और उप कुल सचिव पद पर एक भी योग्य उम्मीदवार नहीं मिला है। इसके लिए दुबारा से विज्ञापन दिया जाएगा और इस पद पर भर्ती की जाएगी। इसके बाद से अब तक विश्वविद्यालय ने योग्य प्रत्याशी ढूंढने का कोई प्रयास तक नहीं किया।कोरोना ने राेकी रफ्तार, अब होगी भर्ती
कोरोना के कारण दो सालों तक मत्स्य विश्वविद्यालय में भर्ती नहीं हो सकी। यहां परीक्षा नियंत्रक सहित कई पदों पर भर्ती की जाएगी जिसके लिए अनुमति मांगी गई है। परीक्षा नियंत्रक के स्थाई पद के अभाव में कोई अव्यवस्था नहीं है।-प्रो. जे. पी. यादव, कुलपति, राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर।
———— यह है िस्थतिजिले में सरकारी महाविद्यालय 29 गैर सरकारी डिग्री कॉलेज 87बीएड काॅलेज 66 एक साल में कुल परीक्षाथीZ 1 लाख 30 हजार