
एनसीआर@ 2041: शहरीकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन का प्लान तैयार, जल्द मिल सकती है मंजूरी, जानिए कौनसी सुविधाएं मिलेंगी
अलवर. एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की ओर से ड्राफ्ट रीजनल प्लान 2041 को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की ओर से विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर निविदाएं आमंत्रित की गई है। बोर्ड ने रीजनल प्लान में वर्ष 2041 के नजरिए से एनसीआर में शहरीकरण, स्मार्ट और डिजिटल एनसीआर, शिक्षा एवं कौशल विकास, स्वास्थ्य, पर्यटन, डेयरी आदि क्षेत्रों में विकास कार्यों की योजना बनाई है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस योजना को रीजनल प्लान के अन्य कार्यों से जोड़कर अंतिम रूप दिया जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अनुसार रीजनल प्लान लागू होने के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तकनीकी रूप से विकसित होगा। रीजनल प्लान लागू होने के बाद एनसीआर में शामिल राजस्थान के अलवर और भरतपुर में भी विकास कार्य किए जाएंगे।
डिजीटल, शिक्षा, स्वास्थ्य समेत पांच क्षेत्रों पर फोकस
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की ओर से जारी अंतिम टेंडर में डिजिटल, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन एवं विरासत और कृषि एवं डेयरी क्षेत्र को शामिल किया गया है। डिजिटलाइजेशन के तहत एनसीआर में सुरक्षित साइबर स्पेस, रोबोट सेवा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इ-बैंकिंग, 5जी आदि क्षेत्रों में कार्य होंगे। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल शिक्षा, ग्रामीण कौशल विकास, ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग आदि क्षेत्रें में कार्य होंगे। इसी तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में ई-हैल्थ सरंचना, आपातकालीन व ट्रोमा का नेटवर्क तैयार करना, सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं, आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी आदि को बढ़ावा देने समेत अन्य सुविधाएं होंगी। पर्यटन के क्षेत्र में सबसे बड़ी योजना फ्लाई फ्रॉम दिल्ली एनसीआर होगी, जिसके तहत जिला मुख्यालयों पर परिचालन हवाई अड्डे, स्मार्ट पर्यटन हब, विरासत के क्षेत्र में विकास के लिए अपनी धरोहर-अपनी पहचान, शूटिंग सेट, विश्व स्तरीय म्यूजियम तैयार होंगे। इसके अलावा मनोरंजन केन्द्र, खेल गतिविधियां, सफारी आदि को बढ़ावा मिलेगा।
अलवर में मिनी एयरपोर्ट और क्षेत्रीय एक्सप्रेस-वे
प्लान में प्रारंभिक तौर पर दो क्षेत्रीय एक्सप्रेसवे बनाने की सिफारिश की गई है। यह एक्सप्रेसवे नूंह-भिवाड़ी और मथुरा-अलवर होंगे। यह दोनों एक्सप्रेसवे अलवर को यूपी और हरियाणा के पानीपत, शामली, मेरठ आदि शहरों से जोड़ेंगे। इन एक्सप्रेस-वे पर 50 किलोमीटर के अंतराल में ब्लड बैंक सहित आधुनिक ट्रोमा सेंटर बनाने की सिफारिश भी की गई है। इसके अलावा अलवर सहित छह शहरों में मिनी एयरपोर्ट/हवाई पट्टी का भी प्रस्ताव दिया गया है। योजना में एयरपोर्ट को प्राथमिकता दी गई है। ड्राफ्ट में पांच विश्व स्तरीय सहित पर्यटक स्थल विकसित करने का प्लान है। जिसमें अलवर को प्राथमिकता दी जा सकती है।
अलवर व भरतपुर का 6 हजार 777 वर्ग किमी हिस्सा रहेगा
रीजनल प्लान 2041 लागू होने के बाद अलवर व भरतपुर का 6 हजार 777 वर्ग किमी का हिस्सा ही एनसीआर में रहेगा। जिसमें अलवर जिले से तिजारा, नीमराणा, किशनगढ़बास, कोटकासिम व मुंडावर और भरतपुर से पहाड़ी व कामां तहसील का क्षेत्र एनसीआर में बरकरार रहेगा। उल्लखेनीय है कि गत वर्ष अक्टूबर में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया था कि राजघाट दिल्ली से 100 किमी के रेडियस में आने वाले क्षेत्र ही एनसीआर में शामिल रहेंगे।
मौजूदा एनसीआर पर एक नजर
कुल दायरा: 55 हजार 83 वर्ग किमी
एनसीटी दिल्ली- 1483 वर्ग किमी
राजस्थान के 2 जिले- 13 हजार 447 वर्ग किमी
यूपी के 8 जिले- 14 हजार 826 वर्ग किमी
हरियाणा के 14 जिले- 25 हजार 327 वर्ग किमी
Published on:
25 Jun 2022 05:14 pm
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