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अब हेल्थ अकाउंट: पुरानी बीमारियां, जांच व इलाज का ऑनलाइन रख सकेंगे रिकॉर्ड

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी डिजिटल रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कवायद तेज कर दी है। इससे अब मरीज की पुरानी बीमारी, जांच व इलाज की पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी।

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अलवर

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Umesh Sharma

Sep 10, 2024

अलवर.

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी डिजिटल रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कवायद तेज कर दी है। इससे अब मरीज की पुरानी बीमारी, जांच व इलाज की पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी।

इसके लिए केन्द्र सरकार ने आयुष्मान डिजिटल भारत मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत प्रत्येक नागरिक का हेल्थ रिकॉर्ड ऑनलाइन अपडेट रखने के लिए आयुष्मान भारत अकाउंट (आभा कार्ड) बनाया जा रहा है। इसमें संबंधित व्यक्ति ऐप के माध्यम से अपने चिकित्सा रिकॉर्ड, लैब रिपोर्ट, पूर्व में लिखी गई दवा का पर्चा, चिकित्सक नोट्स, इमेज एवं वैक्सीन आदि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रख सकते हैं।

ऐसे बनाया जा सकता है आभा कार्ड

मोबाइल के प्ले स्टोर से abha.abdm.gov.in पर क्लिक करके लिंक खोलें। इसके बाद आधार नंबर, ओटीपी और अपना मोबाइल नंबर सहित संबंधित जानकारी दर्ज कर सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करें। वहीं, आईडी जनरेट होने पर 14 अंकों का एक अकाउंट नंबर अलॉट होगा। जिसमें व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित रख सकते हैं। इसके अलावा नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र, आशा, एएनएम व सीएचओ से सम्पर्क करके आभा आईडी बनवा जा सकती है।

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आभा कार्ड बनाने में खैरथल-तिजारा जिला प्रदेश में अव्वल

आभा कार्ड बनाने में खैरथल-तिजारा जिला प्रदेश में पहले पायदान पर है। यहां कुल पंजीकृत जनसंख्या 10 लाख 64 हजार 697 की तुलना में 5 लाख 45 हजार 256 लोगों की यानी 51.21 प्रतिशत लाभार्थियों की आभा आईडी बनाई जा चुकी है। जबकि दूसरे स्थान पर कोटा में 45.37, तीसरे स्थान पर बालोतरा में 34.27, चौथे स्थान पर कोटपूतली-बहरोड़ में 30.44 और पांचवे स्थान पर शाहजहांपुर में 25.44 प्रतिशत लाभार्थियों की आभा आईडी बनाई गई हैं। वहीं, आभा आईडी बनाने में अलवर जिला प्रदेश में 35वें स्थान पर है।

आभा आईडी के माध्यम से मेडिकल हिस्ट्री का डिजिटली संधारण हो सकेगा। डिजिटल रिकॉर्ड से चिकित्सक को मरीज की हिस्ट्री उपलब्ध होने से इलाज में सुविधा होगी। साथ ही मरीजों को भी अपनी पुरानी रिपोर्ट की हार्डकॉपी रखने की भी जरूरत नहीं होगी।

डॉ. अरविंद गेट, सीएमएचओ, खैरथल-तिजारा