देश में गांधी और नेहरू के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है, लेकिन मंत्री दिलावर को इन पुस्तकों में उनकी बड़ी-बड़ी फोटो अखर रही है।
अलवर. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर दिए गए बयान के विरोध में शनिवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने राजर्षि महाविद्यालय के गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सतीश पटेल रामगढिय़ा ने बताया कि जिस तरीके से 11वीं और 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत दो खंडों वाली पाठ्यपुस्तकें छप चुकी है, जिसमें 1947 से लेकर आज तक देश को बनाने में योगदान देने वाले लोगों को अंकित किया गया है। साथ ही देश में गांधी और नेहरू के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है, लेकिन मंत्री दिलावर को इन पुस्तकों में उनकी बड़ी-बड़ी फोटो अखर रही है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने भी अपने बयान में कहा है कि बोर्ड पहले सरकार से अनुमोदन लेती है और अनुमोदन के बाद ही किताबें छपती हैं। मंजूरी से ही 4.90 लाख पुस्तकें छपी और उसमें 80 प्रतिशत से अधिक पुस्तकें बांट भी दी। इससे सरकार को आर्थिक नुकसान भी होता है। विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के प्रदेश सचिव संतराम पटेल, प्रदेश महासचिव रामराज मीणा, सीताराम कसाना, शंकर चौधरी, मोहित खटाना, विजय दायमा, अनुज मीणा, सचिन यादव, जगत जाट, लखन जाट, अमन ङ्क्षसह आदि मौजूद रहे।
इधर, बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय में एनएसयूआई के छात्र नेता रणवीर चौधरी के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध किया है। छात्र नेता ने कहा कि मंत्री का बयान छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और शिक्षा प्रणाली का राजनीतिकरण करने की साजिश है। एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार छात्रों के हितों का अनदेखा करेगी तो आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर दीपेश जाट, इरफान केजोता, सोहेल खान, ताहिर आदि मौजूद रहे।