पहले मजदूरी कर पेट पालता था, फिर चुराने लगा वाहन, अब पुलिस के हत्थे चढ़ा
भुसावर. गरीबी लालच का सबसे बड़ा कारण है। क्षेत्र के एक गांव से पकड़े गए वाहन चोर की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ है कि वह आठवीं पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ देने को मजबूर हो गया और उसने पेट पालने के लिए मजदूरी शुरू कर दी। छोटेलाल जैसे—तैसे दिन काट रहा था कि अचानक उसकी दोस्ती कुछ वाहन चोरों से हो गई और उन्होंने उसे एक वाहन चुराकर लाने पर 1500 रुपए देने का लालच दिया। बस फिर क्या था, वह शातिर चोर बन गया और अब पुलिस की गिरफ्त में है।
पहले मजदूरी कर पेट पालता था, फिर चुराने लगा वाहन, अब पुलिस के हत्थे चढ़ा
पुलिस ने मंगलवार देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ भरतपुर, अलवर, दौसा व जयपुर के विभिन्न थानों में वाहन चोरी के कई मुकदमे दर्ज हैं। साथ ही आरोपी वैर पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है।
थाना प्रभारी राजेश खटाना ने बताया कि वैर थाना के गांव टूण्डपुरा निवासी छोटेलाल उर्फ छोट्या मीना को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने वाहन चोरी की कई वारदातों को स्वीकारा है। थाने में दर्ज कई वाहन चोरी मामलों में उससे पूछताछ की जा रही है। थाना प्रभारी ने बताया कि वाहन चोर छोटेलाल कक्षा 8वीं तक गांव जगजीवनपुर स्कूल में पढ़ा है। पढ़ाई छोडऩे के बाद उसने मजदूरी की। वर्ष 2005 में दौसा जिले के महवा में उसके भाई की रेडियो, टीवी की दुकान पर जाया करता था। वहां उसकी दोस्ती तीन जनों से हुई जो जयपुर जाकर वाहन चुराकर लाते और उन्हें महवा बेच देते थे। इस पर उसे लालच आ गया और वह उनके साथ जयपुर जाने लगा। एक वाहन चोरी करने पर उसे 15 सौ रुपए मिलते थे। उसने जयपुर, महवा, सिकराय, बांदीकुई, नादौती, अलवर, बयाना आदि कस्बा में वाहन चोरी वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। वह कई बार गिरफ्तार किया जाकर जेल भेजा जा चुका है।
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