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अलवर: रोडवेज के अनुबंधित कर्मचारी ने रोडवेज को लगाया लाखों का चूना, रोडवेज का पैसा इस तरह अपने खाते में करवा लिया जमा

अलवर में रोडवेज में एक अनुबंधित कर्मचारी ने पेन नम्बर बदल आयकर कटौती राशि अपने खाते में की जमा।

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अलवर

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Rajeev Goyal

Feb 07, 2018

Roadways contract employee transfer lakh of rupees in his own account

अलवर. सेल टैक्स विभाग के ऑनलाइन खाते से धोखाधड़ी कर 56 लाख 21 हजार रुपए निकालने का मामला अभी सुलझा नहीं और रोडवेज में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
रोडवेज में अनुबंध पर कार्यरत बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती (टीडीएस) की राशि पर उसके ही एक अनुबंधित कर्मचारी ने सेंध लगा ली। अनुबंधित कर्मचारी ने पेन नम्बर में हेराफेरी कर एजेन्टों की कटौती की लाखों रुपए की राशि अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक बुकिंग एजेन्ट रिटर्न भरने पहुंचा। कटौती फार्म में राशि का उल्लेख नहीं मिलने पर उसका माथा ठनका। इस पर उसने रिटर्न शीट की जांच कराई तो सच्चाई का पता चला। एजेन्ट ने मामले की शिकायत रोडवेज के मुख्य प्रबंधक से की है। मामला रोडवेज के अलवर व मत्स्य नगर आगार से जुड़ा है। यहां रोडवेज ने कर्मचारी की आयकर कटौती का कार्य टोटल कम्प्यूटर नामक एक प्राइवेट एजेन्सी को दिया हुआ है। एजेन्सी के कर्मचारी ने रोडवेज में अनुबंध पर कार्यरत बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती की राशि को उनके पेन एकाउंट में जमा कराने की जगह अपने पेन एकाउंट में जमा कर लिया और बाद में ये राशि निकाल ली।

कई एजेन्टों की राशि हड़पी

कम्प्यूटर एजेन्सी संचालक ने अलवर व मत्स्य नगर आगार में अनुबंध पर लगे कई बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती की राशि हड़प ली। उसने एक सेवानिवृत्त कर्मचारी के पेन एकाउंट की राशि भी अपने एकाउंट में जमा कर ली। बाद में मौका देखकर इसे निकाल लिया। बुकिंग एजेन्ट के सीए ने जब बारीकी से रिटर्न शीट का अवलोकन किया तो एजेन्सी संचालक की कारगुजारी सामने आई।

ये मामले आए सामने

रोडवेज के अलवर व मत्स्य नगर आगार में कार्यरत अनुबंधित बुकिंग एजेन्ट महेन्द्र कुमार शर्मा, सालिम खान, कुलदीप, वीरेन्द्र कुमार तथा बृजभूषण शर्मा की आयकर कटौती की राशि को कम्प्यूटर एजेन्सी के संचालक द्वारा हड़पना सामने आ चुका है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2016-17 की थी। यदि रोडवेज प्रशासन पूर्व में कार्यरत बुकिंग एजेन्टों की कटौतियों की भी जांच कराए तो यह गबन और भी बड़ा निकल सकता है।

उठा रहा था फायदा

कम्प्यूटर एजेन्सी संचालक ने रोडवेज के अनुबंधित बुकिंग एजेन्टों की आयकर कटौती की राशि को ही निशाना बनाया। दरअसल, रोडवेज में प्रत्येक बुकिंग एजेन्ट को टारगेट दिए जाते हैं। टारगेट पूरा नहीं होने पर उनके वेतन से राशि काटी जाती है। इसके चलते ज्यादातर बुकिंग एजेन्ट साल-छह माह में ही नौकरी छोडक़र चले जाते हैं और कटौती की राशि को लेने का प्रयास नहीं करते। इसका फायदा उठाकर एजेन्सी संचालक बुकिंग एजेन्टों की कटौती को ही निशाना बनाता था।