6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पर्यटक विदेशीे परिदों को क्यूं करते हैं पसंद

सात समंदर पार से आए विदेशी परिदे न केवल पर्यटकों को लुभा रहे हैं, बल्कि सरिस्का का आकर्षण भी बढ़ा रहे हैं। सरिस्का में विदेशी पक्षी देख पर्यटक गद्गद हो रहे हैं। हर साल ये विदेशी परिदें हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सरिस्का के जलाशयों पर पहुंचते हैं। सर्दी खत्म होने के बाद ये परिदें वापस अपने देशों को लौट जाते हैं।

2 min read
Google source verification

अलवर

image

Prem Pathak

Dec 31, 2023

पर्यटक विदेशीे परिदों को क्यूं करते हैं पसंद

पर्यटक विदेशीे परिदों को क्यूं करते हैं पसंद

सर्द मौसम में सात समंदर पार से विदेशी परिदें सरिस्का टाइगर पहुंच रहे हैं। नए साल का जश्न मनाने सरिस्का पहुंच रहे देशी- विदेशी पर्यटक विदेशी परिदें देख गद्गद हैं।

सरिस्का में इन दिनों बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आ रहे है। सिलीसेढ़ झील व सरिस्का के जलाशयों के आस पास इन दिनों बार पेंटेड स्टार्क, बार हैडेड बुल्स, परफ्ल हैरोन, स्पून विल, स्पॉट बिल जैसे पक्षियों ने डेरा ड़ाल लिया है। सरिस्का में इन दिनों बड़ी संख्या में पर्यटक नए साल का जश्न मनाने पहुंच रहे हैं। सफारी करने वाले पर्यटक सरिस्का में जलाशयों पर देशी व विदेशी पक्षियों को देख कर गद्गद है। इस साल बारिश अच्छी होने तथा मौसम सर्द होने से इस साल बीते सालों की तुलना में देशी- विदेशी परिदों की संख्या में वृदि्ध हुई है।

सरिस्का में यहां दिखाई पड़ रहे विदेशी परिदें

सरिस्का टाइगर रिजर्व के करनाकाबास, कांकवाड़ी बांध, हनुमान सागर, होंड़ी जलाशय, टहला के मंगलसर बांध, मानसरोवर बांध, सरसा माता प्राकृतिक जल स्रोत में इन दिनों देशी- विदेशी पक्षियों की चहचहाहट सुनाई पड़ रही है। बार हेडेड बुल्स प्रवासी पक्षी सरिस्का में डेरा जमा चुके हैं, वहीं अन्य प्रवासी पक्षी भी इन दिनों दिनों सरिस्का में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं।

किन देशों से आते से परिदें

यूरोप, साइबेरिया, रूस, जापान, अन्य देशों से हेडेड बुल परपल, हैरोन, ग्रे हैरोन, परपल स्पून, स्पून विल, स्पॉट बिल जैसे प्रवासी पक्षी सरिस्का में आ चुके हैं। मानसरोवर बांध में इन दिनों सबसे ज्यादा पेंटेड स्टॉर्क पक्षी आ चुके हैं। प्रवासी पक्षी यहां प्रजनन के साथ ही विदेशों में कड़ाके की सर्दी, बर्फबारी से बचने एवं भोजन की कमी के कारण हर साल आते हैं। विदेशी परिदें कई हजार किलोमीटर का सफर तय कर यहां पहुंचते हैं। सर्द मौसम खत्म होने के बाद ये परिदें अपने-अपने देश को लौट जाते हैं।

सरिस्का कैसे आते हैं विदेशी परिदें

विशेषज्ञों का मानना है कि पक्षियों के दिमाग में एक बायोलॉजिकल कम्पास काम करता है। इनकी सीखने की आदत भी उन्हें दूर तक ले जाती है। वंश परंपरा एवं ब्लड रिलेशन के कारण बड़े पक्षियों के साथ छोटे पक्षी भी सफर तय करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ये पक्षी सूरज व रात में चांद-तारों की स्थिति के अनुसार अपना मार्ग तय करते हैं।

सर्दी के दिनों में आते हैं विदेशी परिदें

हर साल सरिस्का में सर्दी के दिनों में विदेशी प्रवासी पक्षी आते हैं। इस बार भी सर्दियों में प्रवासी पक्षी सरिस्का में आ चुके है। ये पक्षी सरिस्का व आसपास स्थित जलाशयों में बैठे रहते है। जैसे-जैसे सर्दी और बढ़ेगी पक्षियों की प्रजातियों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
डीपी जागावत

डीएफओ सरिस्का टाइगर रिजर्व