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पुलिस व जिम्मेदार विभाग से सशक्त माफियाओं का नेटवर्क,जाने कैसे होती है तस्करी

माफियाओं का खुफिया तंत्र ऐसा कि हर कोई दंग,वाहन के आगे-आगे चलती है एस्कॉर्ट

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अलवर

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Rajeev Goyal

Feb 07, 2018

very strongg network of mining mafia in alwar

मार्ग में पुलिस व अन्य विभाग की देते हैं जानकारी

अलवर जिले में पुलिस व खनिज विभाग से ज्यादा सुदृढ़ बजरी माफियाओं का नेटवर्क है। सुप्रीम कोर्ट की बजरी निकासी पर रोक के बाद इसमें और मजबूती आई है। जानकारी के अनुसार अवैध बजरी से भरे वाहनों के आगे-आगे बजरी माफियाओं की एस्कॉर्ट चलती है। जो मार्ग में मिलने वाली पुलिस व अन्य विभागों की सूचना ट्रैक्टर चालक को देती है। इसके बाद अवैध खनन की बजरी से भरे ट्रैक्टर का चालक मार्ग बदल लेता है। कई बार आमना-सामना होने पर वह ट्रैक्टर को छोड़ भाग निकलता है। अलवर की बात करें तो यहां अवैध बजरी से भरे ट्रक व टै्रक्टरों के आगे-आगे बाइक पर बजरी माफिया के गुर्गे चलते हैं। जिनके हाथों में मोबाइल होते हैं। मार्ग में पुलिस सहित अन्य विभागों की चैकिंग मिलने पर ये तुरन्त मोबाइल से ट्रैक्टर चालक को विभाग की मौजूदगी की सूचना देते हैं। इसके बाद ट्रैक्टर चालक मार्ग बदल लेता है।

रात में चलता है बजरी परिवहन का खेल

अवैध बजरी परिवहन का खेल ज्यादातर रात में चलता है। रात के अंधेरे में बजरी माफिया एक-एक कर ट्रक व ट्रैक्टरों को निकालते हैं। दरअसल, इस दौरान रास्ते में ट्रेफिक कम मिलता है। साथ ही ट्रैक्टर के गुजरने की पुलिस को सूचना मिलने की संभावना कम रहती है। इस दौरान ये ज्यादातर कच्चे-पक्के रास्तों का चुनाव करते हैं। दरअसल, इन रास्तों पर पुलिस व अन्य विभाग की गश्त मिलने की संभावना कम रहती है। साथ ही पुलिस के मिलने पर ये ट्रैक्टर-ट्रॉली को छोड़ गांव में भाग निकलते हैं। पुलिस के अनुसार सीधे-सीधे सड़क मार्ग से ट्रैक्टर आदि को लाने पर चालक के बच निकलने की संभावना कम रहती है। इसलिए ये कच्चे-पक्के व आबादी क्षेत्र का चुनाव करते हैं।

जिले भर में पहाड़ों से पहले रोक रहे

जिले भर में पहाड़ों से पहले अवैध खनन तक जाने वाले रास्तों पर माफिया की नजर रहती है। खैरथल के निकट ठेकड़ा से अगवाणी व उमर का बास जाने वालों को इसी तरह रोका जाता है। मुण्डावर में राठौठ, श्योजपर, नीमली व रायपुरा में भी अवैध खनन माफिया कीक मनमर्जी चल रही है। अलवर शहर जिला मुख्यालय के आसपास भी इसी तरह अवैध खनन हो रहा है।

अवैध बजरी माफियाओं का नेटवर्क भी काफी सुदृढ़ है। इन्हेंं पुलिस या अन्य विभाग की आने से पहले ही सूचना मिल जाती है। अवैध बजरी के ट्रैक्टरों के आगे-आगे इनकी एस्कॉर्ट चलती है, जो इन्हें सूचना देती रहती है। फिर भी पुलिस इन सभी को धता बताकर समय-समय पर बजरी से भरे ट्रैक्टरों को पकड़ती है।
सचिन शर्मा, थाना प्रभारी नौंगांवा