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मेडिकल कॉलेज अस्पताल में समय पर नहीं मिलता स्ट्रेचर-व्हील चेयर, आधा घंटा ईसीजी कक्ष में पड़ा रहा वृद्ध मरीज

Medical college hospital: अस्पताल में गंभीर मरीजों को भी नहीं मिल पा रही सुगम इलाज की व्यवस्था, एक वृद्ध मरीज को आधे घंटे तक ईसीजी कक्ष के बेड पर करना पड़ा इंतजार

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मेडिकल कॉलेज अस्पताल में समय पर नहीं मिलता स्ट्रेचर-व्हील चेयर, आधा घंटा ईसीजी कक्ष में पड़ा रहा वृद्ध मरीज

Old age patient in ECG room

अंबिकापुर. अगर आप किसी गंभीर मरीज को इलाज कराने मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) पहुंचते हैं तो पहले आपको स्ट्रेचर व व्हील चेयर खोजने में समय बिताना पड़ेगा। काफी मशक्कत करने बाद ही आपको स्टे्रचर व व्हील चेयर मिल पाए, इसके लिए आपको अस्पताल के पूरे वार्ड के चक्कर लगाने पड़ेंगे।

अगर आपको अस्पताल के किसी कोने में स्ट्रेचर पड़ा हुआ मिल गया तो आप खुशनसीब हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को सामने आया है। एक युवक को अपने वृद्ध दादा को अस्पताल के ईसीजी कक्ष से आईसीयू ले जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत पड़ी।

युवक ने स्ट्रेचर के लिए अस्पताल के पूरे वार्ड के चक्कर लगा लिए, लेकिन उसे न तो स्ट्रेचर मिला और न ही व्हील चेयर कहीं दिखाई दिया। आखिरकार युवक ने थक-हारकर इसकी जानकारी अस्पताल के अधिकारी को दी, तब उसे स्ट्रेचर मिल सका।


मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में सुगम इलाज की व्यवस्था में अभी भी कई खामियां हैं। तमाम दावों के बावजूद मरीजों को इलाज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बड़ी विडंबना तो ये है कि गंभीर मरीजों तक के प्रति अस्पताल में संवेदनशीलता नजर नहीं आती। उनको भी समय पर इलाज नहीं मिल पाता है।

अस्पताल प्रबंधन द्वारा तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा तो किया जाता है, लेकिन उसका क्रियान्वयन नजर नहीं आता। इसका खामियाजा मरीजों व उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है। ऐसे ही एक मामले में सोमवार को एक ७० वर्षीय वृद्ध का इलाज कराने के लिए परिजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

जानकारी के अनुसार 70 वर्षीय रामभरोस दरिमा थाना क्षेत्र के ग्राम चिताबहार का रहने वाला है। उसकी कुछ दिनों से तबियत खराब चल रही है। सोमवार को उसके नाती अखिलेश राजवाड़े बाइक से अपने दादा को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया। यहां लाने के बाद वृद्ध की स्थिति और जयादा बिगड़ गई।

चिकित्सकों ने उसे ईसीजी कराने को बोला। ईसीजी कराने के दौरान वृद्ध की हालत खराब हो गई और वह बेहोश हो गया। इस दौरान चिकित्सक ने मरीज को आईसीयू में भर्ती कराने को कहा। इस पर वृद्ध को आईसीयू तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत पड़ी। मरीज के नाति ने स्ट्रेचर के लिए पूरा अस्पताल छान मारा पर कहीं उसे स्ट्रेचर नहीं मिला। इस दौरान किसी स्टाफ ने भी स्ट्रेचर उपलब्ध कराने में मदद नहीं की।

थक-हारकर उसने इसकी जानकारी अस्पताल के अधिकारी का जानकारी दी। अधिकारी ने फोन पर चर्चा कर तत्काल स्ट्रचेर की व्यवस्था कराई। इसके बाद वृद्ध को आईसीयू में भर्ती कराया गया।


आधे घंटे पड़ा रहा ईसीजी कक्ष में
स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण वृद्ध मरीज आधे घंटे तक ईसीजी कक्ष के बेड पर ही पड़ा रहा। उसे आईसीयू में भर्ती कराना था। एक गंभीर मरीज के लिए आधे घंटे का समय काफी महत्व होता है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अगर स्ट्रेचर के लिए मरीज को आधे-एक घंटे तक इतजार करना पड़े तो इससे बड़ी विडंबना क्या होगी।


आए दिन स्ट्रेचर को लेकर होती है परेशानी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical college hospital) में स्ट्रेचर को लेकर आए दिन परेशानी होती है। परेशानी सामने आने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा स्ट्रेचर के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी तो लगाई जाती है पर कुछ दिनों बाद हालात पूर्व की तरह ही हो जाते हैं।

स्ट्रेचर को लेकर परेशानी मंगलभवन में शिफ्ट किए गए वार्ड के मरीजों को भी होती है। मंगल भवन के मरीज के परिजन को स्ट्रेचर व व्हील चेयर के लिए पुराने अस्पताल से लेकर मंगल भवन तक चक्कर लगाना पड़ता है।


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