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अमरीका ने माना भारत का लोहा, सेना की कमान का नाम रखा यूएस इंडो-पैसिफिक

अमरीका और भारत की दोस्ती ने रंग लाई है। अमरीकी सेना ने अपने प्रशांत कमान का नाम बदलकर यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड रख दिया है।

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James Mattis

अमरीका ने माना भारत का लोहा, सेना की कमान का नाम रखकर रखा यूएस इंडो-पैसिफिक

वाशिंगटनः अमरीकी सेना ने प्रशांत क्षेत्र में भारत की अहमियत स्वीकार करते हुए प्रशांत कमान का नाम बदलकर यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड कर दिया है। इस बदलाव से अमरीकी सेना के मुख्यालय पेंटागन के लिए भारत की अहमियत जाहिर होती है। व्यापक प्रशांत क्षेत्र की निगरानी के लिए प्रशांत कमान में 3 लाख 75 हजार सिविलियन और सैनिक हैं। इस नाम में यह परिवर्तन चीन के साथ तनाव के बीच किया गया जो इस क्षेत्र में अपना सैन्य प्रसार करता रहा है।
अमरीकी रक्षा मंत्री ने की घोषणा
रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने हवाई में चेंज-आफ-कमांड समारोह के मौके पर कहा कि हमने यूएस पैसिफिक कमांड का नाम बदल कर यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड कर दिया है।" उन्होंने कहा, "यह हमारी प्राथमिक लड़ाकू कमान है। यह आधी धरती और हॉलीवुड से बॉलीवुड और पोलर बियर से पेंगुइन तक विविधता भरी आबादी के साथ खड़ी है और उसके साथ घनिष्टता से जुड़ी हुई है।" वर्ष 2016 में अमरीका और भारत ने एक-दूसरे के अड्डों का इस्तेमाल मरम्मत और आपूर्ति के लिए करने के एक करार के जरिए अपने सैन्य संबंधों को मजबूती प्रदान की थी।

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भारत और अमरीका के बीच है गहरी दोस्ती
दरअसल भारत और अमरीका के बीच गहरी दोस्ती है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जो अमरीका से दोस्ती बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था उसे नरेंद्र मोदी सरकार ने आगे बढ़ाया है। पिछले चार साल से भारत और अमरीका के बीच रिश्ते और मजबूत हुए हैं। इस दौरान भारत ने अमरीका से कई रक्षा करार किए तो पाकिस्तान को भी घेरने में सफल रहा। भारत ने कूटनीतिक ढंग से पाकिस्तान और चीन को अमरीका के माध्यम से घेरने में सफल रहा है। भारत की दोस्ती की वजह से ही अमरीका ने पाकिस्तान के आतंकियों पर प्रतिबंध लगाया और उसकी आर्थिक सहायता को भी रोक दी।