
इस साल के आखिरी तक नील आर्मस्ट्रांग के निजी संग्रह की होगी नीलामी
ह्यूस्टन: चांद पर चढ़ने वाले पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग का निजी संग्रह इस साल के अंत में और 2019 श्रृखंलाबद्ध नीलाम की जाएगी। नीलामी की वस्तुओं में ऑर्मस्ट्रांग के ऐतिहासिक 20 जुलाई 1969 में चंद्रमा पर उतरने व निजी जीवन से जुड़ी कई यादगार चीजें शामिल हैं। इसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। टेक्सास स्थित नीलामी कंपनी हेरिटेज ऑक्शंस के अनुसार, इसमें 1903 के राइट ब्रदर्स के विमान के पंख व प्रोफेलर शामिल हैं, जिसे अंतरिक्ष यात्री अपने साथ चंद्रमा पर ले गए थे। इसमें मिशन की शुरुआत, उतरने व लौटने के यादगार अपोलो 11 रॉबिन मेडल व रजत पदक व अन्य यादगार चीजें भी शामिल हैं। हेरिटेज ऑक्शंस नीलामी की प्रक्रिया को संभालेगी। कंपनी नील आर्मस्ट्रॉंग के चीज़ों को आगे बढ़ाने और उनके बारे में ज्यादा लोगों तक पहुंचे जानकारी के लिए यह नीलामी की जाएंगी।
नील आर्मस्ट्रांग ने 1969 में चांद पर रखा था कदम
आर्मस्ट्रांग अपोलो 11 मिशन के तीन अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थे और 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर उतरने वाले दो अंतरिक्ष यात्रियों में से एक थे। इससे पहले वे जेमिनी अभियान के दौरान भी अंतरिक्ष यात्रा कर चुके थे। अपोलो 19 वह अभियान था जिसमें जुलाई 1969 में पहली बार चंद्रमा पर मानव सहित कोई यान उतरा और आर्मस्ट्रांग इसके कमांडर थे। उनके अलावा चांद पर उतरने वाले दूसरे व्यक्ति बज़ एल्ड्रिन थे और तीसरे माइकल कॉलिंस जो चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते मुख्य यान में ही बैठे रहे। आर्मस्ट्रांग का निधन 2012 में हुआ और उनके दो बेटों के पास उनके निधन के बाद उनसे जुड़ा बड़ा संग्रह है। उनके बेटों को इनके संरक्षित करने व शोध करने का ख्याल आया, जिसे लेकर उन्हें नीलामी का विचार आया। नील आर्मस्ट्रांग के बेटों का कहना है कि पिता की कुछ चीज़ें हमारे पास रखी है। जिसे हम दुनिया के सामने लाना चाहते हैं। दुनियाभर के लोगों में नील आर्मस्ट्रांग के संग्रह को देखने और समझने को लेकर जिज्ञासा है। लोग आर्मस्ट्रांग के संग्रह के नीलीमी होने का इंतजार कर रहे हैं।
कौन हैं नील आर्मस्ट्रांग
चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति नील एल्डन आर्मस्ट्रांग थे। खगोलयात्री यानी ऍस्ट्रोनॉट बनने से पूर्व वे नौसेना में थे। वे एक एयरोस्पेस इंजीनियर, नौसेना अधिकारी, परीक्षण पायलट, और प्रोफ़ेसर भी थे। नौसेना में रहते हुए उन्होंने कोरिया युद्ध में भी हिस्सा लिया था। नौसेना के बाद उन्होंने पुरुडु विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल की थी।
Published on:
22 Jul 2018 08:50 pm
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