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संयुक्त राष्ट्र ने खोली किम जोंग की पोल, धड़ल्ले से चल रहा है उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम

उत्तर कोरिया पूरी दुनिया को धोखा दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि मिसाइल कार्यक्रम बंद नहीं किया गया है।

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kim jong

संयुक्त राष्ट्र ने खोली किम जोंग की पोल, धड़ल्ले से चल रहा है उत्तर कोरिया का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र की एक गोपनीय रिपोर्ट में उत्तर कोरिया पर आरोप लगाया गया है कि उसने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को जारी रखा हुआ है। यह रिपोर्ट स्वंतत्र विशेषज्ञों ने तैयार की है, जिन्होंने हर छह महीने पर इकट्ठा की गई जानकारियों को सुरक्षा परिषद की संयुक्त राष्ट्र उत्तर कोरिया प्रतिबंध समिति को सौंपा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तर कोरिया विदेशों में राजनयिकों और अन्य लोगों के माध्यम से प्रतिबंधों की अवहेलना कर रहा है और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए पारंपरिक हथियार बेच रहा है।

उत्तर कोरिया पर दबाव बना रहा है अमरीका
यह खुलासा तब सामने आया है जब दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) की मंत्रिस्तरीय बैठक के लिए अमरीकी विदेश मंत्री सिंगापुर में मौजूद हैं। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पत्रकारों से कहा कि वह उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखने के पक्ष में हैं क्योंकि इस देश द्वारा अभी भी परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाया जाना बाकी है। उन्होंने कहा, "मैंने उत्तर कोरिया पर राजनयिक और आर्थिक दबाव को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया है, जो उत्तर कोरिया के अंतिम, पूरी तरह से सत्यापित परमाणु निरस्त्रीकरण को हासिल करने के लिए है, जिस पर सर्वोच्च नेता किम (जोंग-उन) सहमत हैं।"

सेटेलाइट तस्वीरों ने खोली किम की पोल
इससे पहले 31 जुलाई को अमरीकी मीडिया सेटेलाइट तस्वीरों के साथ किम जोंग की पोल खोली थी। अमरीकी मीडिया ने जासूसी एजेंसियों के हवाले से यह दावा किया था कि उत्तर कोरिया एक फैक्ट्री में नई मिसाइलें तैयार कर रहा है, जिसमें प्योंगयांग की अमरीका तक पहुंच वाली पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) तैयार की गई थी। अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि प्राप्त किए गए सबूतों में 20 जुलाई और 22 जुलाई के बीच ली गई उपग्रह तस्वीरें दर्शाती हैं कि प्योंगयांग के बाहरी इलाके सानुमडोंग में एक शोध केंद्र में कम से कम एक या संभवत: दो तरल-ईंधन वाले आईसीबीएम पर काम चल रहा है।