राजस्थान रोडवेज की बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए पैनिक बटन, अब रोडवेज के लिए ही ’पैनिक’ का कारण बन गए हैं। रोज 500 से ज्यादा अलर्ट कंट्रोल रूम में पहुंच रहे हैं और उनमें से 98 फीसदी फर्जी हैं।
विजय शर्मा
राजस्थान रोडवेज की बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए पैनिक बटन, अब रोडवेज के लिए ही ’पैनिक’ का कारण बन गए हैं। राजस्थान रोडवेज ने जब 2300 बसों में पैनिक बटन लगाए थे, तो उम्मीद थी कि इमरजेंसी में यात्रियों को तुरंत मदद मिल सकेगी। लेकिन हकीकत कुछ और निकली। रोज 500 से ज्यादा अलर्ट कंट्रोल रूम में पहुंच रहे हैं और उनमें से 98 फीसदी फर्जी हैं। कोई बच्चा खेल-खेल में बटन दबा रहा है, तो कोई बुजुर्ग उसकी कार्यप्रणाली जांच रहा है।
महिलाएं इसे चार्जिंग पॉइंट समझ बैठी हैं। ऐसे में रोडवेज का कमांड सेंटर सुरक्षा की बजाय अब फर्जी अलर्ट्स की निगरानी में व्यस्त हो गया है। महज दो फीसदी ऐसे अलर्ट हैं, जिनमें वास्तविक मदद के लिए पैनिक बटन का इस्तेमाल किया गया है। इनमें यात्री की तबीयत खराब सहित बसों में विवाद को लेकर बटन दबाए गए हैं।
पहले उड़नदस्तों को बसों की सटीक जानकारी नहीं होती थी। अब मोबाइल ऐप के जरिए बसों की लाइव लोकेशन मिलने से वे सीधे उसी पॉइंट पर पहुंच रहे हैं, जहां बसें हैं। बसों की चैकिंग आदि कार्यों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
सोजत-जयपुर बस में एक यात्री की तबीयत बिगड़ने पर उसके साथी ने पैनिक बटन दबाया। कंट्रोल रूम ने तत्काल एक्शन लेते हुए बस को नजदीकी अस्पताल भिजवाया, जहां समय पर इलाज मिला।
जयपुर-अजमेर बस में परीक्षार्थियों का परिचालक से विवाद हुआ, हंगामा बढ़ा। किसी यात्री ने पैनिक बटन दबाकर कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची।
जयपुर-भरतपुर बस में एक यात्री ने ओवरस्पीड की शिकायत पैनिक बटन के जरिए की। कंट्रोल रूम ने जांच कर समस्या का समाधान किया।
वॉयस अलर्ट फीचर: मोबाइल ऐप पर बस की दूरी और आगमन की ऑडियो जानकारी मिलेगी।
एसएमएस अपडेट: स्मार्टफोन नहीं रखने वालों को एसएमएस के जरिए रियल टाइम सूचना दी जाएगी।
एआइ आधारित सिस्टम: मौसम और ट्रैफिक के आधार पर आगमन/प्रस्थान की सटीक जानकारी मिलेगी।
रोडवेज की सभी बसों में जीपीएस ट्रैकिंग: सभी बसों में जीपीएस डिवाइस लगा है।
RSRTC Live App के जरिए बसों की लाइव ट्रैकिंग, आगमन/ प्रस्थान की जानकारी मिलती है।
पैनिक बटन से किसी भी आपात स्थिति में यात्री एक बटन दबाकर मदद मांग सकते हैं।