-देश का पहला दो वर्षीय बिजनेस एनालिटिक्स और एआई ब्लेंडेड प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा, 80 फीसदी पढ़ाई होगी ऑनलाइन
Ahmedabad. हर क्षेत्र में बढ़ रही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की डिमांड को देखते हुए भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) अहमदाबाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जानकार प्रबंधकों की फौज तैयार करेगा।
आईआईएम-ए निदेशक प्रो.भरत भास्कर ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बिजनेस एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में देश का पहला दो वर्षीय ब्लेंडेड एमबीए प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की। इस कोर्स का उद्देश्य तेजी से बदलते बिजनेस परिदृश्य में डेटा-ड्रिवन निर्णयों और उसमें एआई आधारित समाधान के लिए जरूरी कौशल को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इसमें 80 फीसदी पढ़ाई ऑनलाइन होगी, 20 फीसदी पढ़ाई के लिए संस्थान के परिसर आना होगा। एआई के साथ बिजनेस एनालिटिक्स का भी बेहतर समन्वय किया है। प्रोफेसर के साथ इंडस्ट्री के लोग शिक्षा और ट्रेनिंग देंगे।
उन्होंने कहा कि देश में अब कई उद्यमों, कार्यालयों और सेक्टर में एआई का उपयोग होने लगा है, लेकिन इसको लेकर कोई औपचारिक शैक्षणिक कोर्स नहीं था। इस कमी को पूरा करने और इसके विकास की संभावनाओं को कैच करने के लिए मार्च 2026 से यह कोर्स शुरू होगा। दो साल की फीस 20 लाख रुपए रखी गई है। पहले बैच के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। आवेदन की अंतिम तिथि सात दिसंबर है। 14 दिसंबर को प्रवेश-परीक्षा ली जाएगी। 50 फीसदी अंक से तीन वर्षीय स्नातक कोर्स के बाद तीन साल का पूर्णकालिक कार्य अनुभव और चार वर्षीय स्नातक कोर्स के बाद दो साल का पूर्णकालिक कार्य अनुभव जरूरी है। जनवरी 2021 के बाद के कैट, जीमेट, जीआरई स्कोर को भी ध्यानार्थ लिया जाएगा। व्यक्तिगत साक्षात्कार के बाद चयन होगा। पहले बैच में 90 सीटें रखने की योजना है।
प्रो.भास्कर ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत इसमें एक साल के बाद पढ़ाई छोड़ने का भी विकल्प है। ऐसे विद्यार्थियों को पीजी डिप्लोमा दिया जाएगा। उन्हें बाद में शेष पढ़ाई पूरी करके डिग्री पाने का मौका मिलेगा।
बीसीजी–नैसकॉम रिपोर्ट के अनुसार, भारत एआई स्किल पेनिट्रेशन में विश्व में अग्रणी है। 2026 तक एक मिलियन से अधिक एआई-रेडी प्रोफेशनल की मांग होगी। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार भारत में डेटा और एआई का इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा हैं। अनुमान है कि भारतीय डेटा एनालिटिक्स मार्केट 2030 तक 21,286.4 मिलियन डॉलर तक पहुंचेगा, जिसमें 35.8% की वार्षिक वृद्धि दर रहेगी।