उत्तरायण के दिन मंगलवार को गुजरात भर में पतंगोत्सव की काफी धूम रही, हालांकि दु:ख की बात यह है कि पंतग की डोर जानलेवा साबित हुई। प्रदेश के विविध भागों में पतंगोत्सव के बीच एक बच्चे और महिला समेत छह लोगों की मौत हो गई वहीं 143 जने घायल हो गए।
उत्तरायण के दिन मंगलवार को गुजरात भर में पतंगोत्सव की काफी धूम रही, हालांकि दु:ख की बात यह है कि पंतग की डोर जानलेवा साबित हुई। प्रदेश के विविध भागों में पतंगोत्सव के बीच एक बच्चे और महिला समेत छह लोगों की मौत हो गई वहीं 143 जने घायल हो गए। डोर से मौत के हादसेसुरेंद्रनगर, राजकोट, भावनगर, पंचमहाल और वडोदरा जिले में हुए। दूसरी ओर इमरजेंसी मामलों में भी आम दिनों की तुलना में 30 फीसदी तक की वृद्धि हुई है। प्रदेश के विविध हिस्सों में पतंग की डोर के कारण 143 जने घायल हुए।
गुजरात इमरजेंसी 108 एंबुलेंस के आंकड़ों के अनुसार राज्य के अलग-अलग हिस्सों में जिन 4948 लोगों को विविध हादसों के कारण अस्पताल पहुंचाया गया है। इसमें सबसे अधिक 1138 गैर वाहन हादसे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में यह 470 ज्यादा है।आम दिनों में इस तरह के हादसों का औसत 388 है, जबकि मंगलवार को ये हादसे बढकऱ 1138 पर पहुंच गए। यह 192 फीसदी अधिक है। वाहन हादसे संबंधित इमरजेंसी भी सामान्य दिनों के 442 की तुलना में 1020 दर्ज हुए हैं जो लगभग 131 फीसदी अधिक हैं। इन सभी इमरजेंसी के मामलों में मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया।
सभी तरह की इमरजेंसी की बात की जाए तो उत्तरायण पर सबसे अधिक 1050 इमरजेंसी अहमदाबाद में सामने आई हैं। आम दिनों के 734 की तुलना में यह 43.05 फीसदी अधिक है। जबकि वडोदरा में आम दिनों में सामने आने वाले 213 की तुलना में 325 इमरजेंसी मामले दर्ज हुए हैं जो 52.50 फीसदी अधिक है। राजकोट में 215 की तुलना में 296 (करीब 38 फीसदी अधिक) मामले दर्ज हुए हैं। सूरत में 382 की तुलना में 502 मामले दर्ज हुए हैं जो 31 फीसदी अधिक हैं।
अहमदाबाद में सबसे अधिक 39 लोग पतंग की डोर से लहूलुहान हुए हैं। वडोदरा में ऐसे 24 मामले सामने आए हैं। राजकोट में 15, सूरत में 12, भावनगर में आठ, पंचमहाल में चार, महिसागर और मेहसाणा में भी चार-चार मामले सामने आए हैं। अन्य शहरों में भी कुछ मामले दर्ज हुए हैं।
108 एम्बुलेंस के आंकड़ों के अनुसार प्रतिशत के आधार पर देखा जाए तो सबसे अधिक 1462 फीसदी क्रश इंजरी बढ़ी हैं। राज्यभर में आम दिनों में इस तरह के मामलों का औसत 13 है, इसकी तुलना में उत्तरायण के दिन मंगलवार को 203 मामले दर्ज हुए हैं।
छतों से गिरने से घायल होने के भी मामलों में 95 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।
पंचमहाल जिले के हालोल शहर में पिता के साथ मोटरसाइकिल पर पतंग लेने जाते समय पतंग की डोर से कुणाल परमार (4) की मौत हो गई।मेहसाणा जिले में किसान माणसाजी ठाकोर (35) ने पंतग की डोर से जान गंवाई जब वे अपने वडबार गांव के खेत जा रहे थे।
राजकोट में पतंग की डोर से अज्ञात मोटरसाइकिल सवार की मौत हो गई।सुरेन्द्रनगर जिले की पाटडी तहसील में इश्वर ठाकोर (35) की डोर से गला कट गया जिससे उसकी मौत हो गई।
गांधीनगर जिले की कडी के कसबा इलाके में एक महिला और उसके भाई ने जान गंवा दी जब वे दोनों बिजली के लाइन से पतंग की डोर हटाने का प्रयास कर रहे थे।