शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित भुज. कच्छ जिले में भारत पाक सीमा पर खावड़ा में बुधवार को सरदार पोस्ट पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सीआरपीएफ ने शौर्य दिवस मनाया। सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों ने सरदार पोस्ट पर शौर्य दिवस के आयोजन में भाग लेकर शहीदों के बलिदान को याद किया। कार्यक्रम के दौरान सीआरपीएफ की […]
भुज. कच्छ जिले में भारत पाक सीमा पर खावड़ा में बुधवार को सरदार पोस्ट पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सीआरपीएफ ने शौर्य दिवस मनाया। सीआरपीएफ के उच्च अधिकारियों ने सरदार पोस्ट पर शौर्य दिवस के आयोजन में भाग लेकर शहीदों के बलिदान को याद किया। कार्यक्रम के दौरान सीआरपीएफ की ओर से सरदार पोस्ट पर बैंड के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई और वीरता की गाथा याद की गई।
सीआरपीएफ मुंबई के महानिरीक्षक वीरेंद्र अग्रवाल, कच्छ बीएसएफ के उप महानिरीक्षक अनंतकुमार सिंह, गांधीनगर सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक धर्मेंद्र सिंह विसेन, बीएसएफ कमांडेंट विजय कुमार, रैपिड एक्शन फोर्स के कमांडेंट रतुल दास आदि उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में सीआरपीएफ के साथ बीएसएफ और पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।
1965 में पाकिस्तान की ओर से शुरू किए गए डेजर्ट हॉक ऑपरेशन में सरदार पोस्ट पर सीआरपीएफ की बटालियन ने वीरता का परिचय देकर दुश्मन की ब्रिगेड को पीछे हटने पर मजबूर किया था। इस वीरता भरे पराक्रम की गाथा को याद करते हुए सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक दीपक कुमार ने बताया कि 1965 के युद्ध में पाकिस्तान की 3000 से अधिक सैनिकों वाली एक ब्रिगेड ने सरदार पोस्ट पर हमला किया था।
उस समय सीआरपीएफ के केवल जवान 150 की संख्या में मौजूद थे। इसके बावजूद निर्भीकता और सूझबूझ से अपनी वीरता का परिचय देकर दुश्मन को पीछे हटने पर मजबूर किया था। सीआरपीएफ के पलटवार से पाकिस्तान के 34 सैनिक मारे गए और दुश्मन की सेना को भारी नुकसान झेलना पड़ा। दुश्मन के साथ लड़ते-लड़ते सीआरपीएफ की दूसरी बटालियन के 7 जवान शहीद हुए थे। सीआरपीएफ ने 4 पाकिस्तानी सैनिकों को जिंदा पकड़ने में सफलता हासिल की थी। दीपक कुमार ने शौर्य दिवस को वीरता का उत्तम उदाहरण और सभी सीआरपीएफ सैनिकों के लिए तथा देश के लिए इस घटना को प्रेरणादायक बताया।