अजमेर

पढ़ाई में युवाओं का साथी बन रहा AI और ChatGPT, स्टूडेंट्स ऐसे कर रहे इस्तेमाल

Rajasthan News: एआइ प्लेटफॉर्म पर पढ़ाई के चलते अब यह मांग घटकर 65-70% के बीच रह गई है। लाइब्रेरी जाने और नोट्स बनाने में भी 15-20% की कमी आई है।

2 min read
Apr 07, 2025

रक्तिम तिवारी

किताबें और गाइड सदियों से विद्यार्थियों के लिए पाठ समझने, प्रश्नों का उत्तर देने अथवा कठिनाई पर समाधान ढूंढने में मददगार हैं। लेकिन तकनीकी दौर में युवाओं ने नवाचार अपनाया है। परीक्षाओं की तैयारी और पढ़ाई में अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और चैट जीपीटी उनका साथी बन रहा हैं।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर अर्थशास्त्र विभाग की ओर से इस तरह का सर्वे कराया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. शिवदयाल सिंह ने बताया कि 5 साल पहले तक बाजार में किताबों, गाइड और रेफरेंस बुक की मांग 75-80% तक थी। एआइ प्लेटफॉर्म पर पढ़ाई के चलते अब यह मांग घटकर 65-70% के बीच रह गई है। लाइब्रेरी जाने और नोट्स बनाने में भी 15-20% की कमी आई है।

अधिक निर्भर न रहें

एआइ और चैट जीपीटी का उपयोग पढ़ाई में होने लगा है। विद्यार्थी विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एआइ से समाधान खोज रहे है। समय के साथ तकनीक में बदलाव होता है, लेकिन युवाओं-विद्यार्थियों को इस पर ज्यादा निर्भर भी नहीं रहना चाहिए। किताबें और रेफरेंस बुक की महत्ता हमेशा बनी रहती है।

प्रो. शिवदयाल सिंह, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्षमदस विश्वविद्यालय

विद्यार्थी यों कर रहे पढ़ाई

30-35% - विषयवार नोट्स तैयार करना।

25-35% - कठिनाई पर एआई से समाधान ढूंढना।

35-40% - प्रोजेक्ट रिपोर्ट, रिसर्च पेपर की तैयारी।

30-40% - बड़े प्रश्नों का सटीक उत्तर लेखन।

20-30% - तय शब्द सीमा के अनुसार उत्तर लेखन।

25-30% - अहम बिंदुओं को याद करना।

यों बढ़ रही ज्यादा निर्भरता

स्मार्ट फोन अथवा लेपटॉप व पीसी चलाना आसान।

चौबीस घंटे ऑनलाइन लर्निंग और टीचिंग उपलब्ध।

पढ़ाई के दौरान कठिनाई होने पर त्वरित समाधान।

सवाल को समझ कर उत्तर देने की प्रक्रिया सीखना।

Published on:
07 Apr 2025 09:38 am
Also Read
View All

अगली खबर