धुंधरी गांव निवासी बाल ब्रह्मचारी कमलेश जैन ने सरकारी नौकरी छोड़कर संयम के मार्ग को अपनाने का निर्णय लिया।
केकड़ी (अजमेर)। धुंधरी गांव निवासी बाल ब्रह्मचारी कमलेश जैन ने सरकारी नौकरी छोड़कर संयम के मार्ग को अपनाने का निर्णय लिया। उनके संयम की अनुमोदना करने के लिए विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्रीजी के अभिषेक व शांतिधारा की गई। दोपहर में विनतियों का कार्यक्रम हुआ, जिसमें बाल ब्रह्मचारी कमलेश के साथ ही समाज की महिलाओं ने परिजनों का तिलक लगाकर, माला पहनाकर सम्मान किया।
मुकेश गोयल ने बताया कि 10 फरवरी 1987 को टीकमचंद विद्यादेवी गोयल के यहां जन्मे कमलेश ने एमए बीएड की शिक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सरकारी अध्यापक पद पर नियुक्त हुए। 12 साल की सेवा के बाद चित्तौड़गढ़ (बेगूं) के गांव जावदिया जूना में सरकारी नौकरी छोड़कर उन्होंने अब संयम का मार्ग अपनाया।
16 जुलाई को गृह त्याग कर सागर (म.प्र.) में विराजमान आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य श्रमण मुनि पुंगव सुधा सागर के संघ में शामिल होंगे। कमलेश ने आचार्य विद्यासागर से वर्ष 2016 में आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत धारण किया और वर्ष 2019 में उन्हीं से दो प्रतिमा के व्रत ग्रहण किए।