Aligarh: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए कहा कि हमें अपने नायकों को पहचानने में इतना समय क्यों लगा?
Aligarh: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य है कि स्वाधीनता कि लड़ाई में योगदान देने वाले महान नायकों की प्रेरक कहानियों का हमारी पाठ्यपुस्तकों में अब तक कोई उल्लेख नहीं है। यह दर्दनाक है कि स्वतंत्रता के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई और वंचितों को इसका श्रेय नहीं दिया गया।”
अलीगढ़ में उन्होंने कहा, “युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के वास्तविक नायकों के बारे में जागरूक करना हमारा कर्तव्य है। यह सुखद है कि हाल के दिनों में हम पूरे देश में अपने गुमनाम नायकों या सुप्रसिद्ध नायकों का जोरदार जश्न मना रहे हैं। असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान ने इस पीढ़ी को प्रेरित किया।”
इसके साथ ही, धनखड़ ने कहा, “सभ्यताएं और संस्थाएं अपने नायकों से जीवित रहती हैं। राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्वतंत्रता संग्राम के एक नायक थे, जिन्हें हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में जगह दी जानी चाहिए थी। 1915 में सिंह ने काबुल में भारत की पहली अस्थायी सरकार की स्थापना की थी, जो स्वतंत्रता उद्घोष करने का एक बहुत बढिय़ा विचार था।” संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमें अपने नायकों को पहचानने में इतना समय क्यों लगा? डॉ अंबेडकर को ‘भारत रत्न’ से देर से दिया गया।