अलवर

277 लिपिकों की नौकरी पर संकट, सरकार ने मांगी रिपोर्ट… ये है पूरा मामला 

दूरस्थ शिक्षा से कंप्यूटर डिग्री हासिल करने वाले 277 लिपिकों की नौकरी खतरे में है। राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी जिला परिषदों से कई बिंदुओं पर इनकी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही यह पूछा है कि अब तक इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की?

less than 1 minute read
Aug 06, 2025
AI जनरेटेड प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो - पत्रिका)

दूरस्थ शिक्षा से कंप्यूटर डिग्री हासिल करने वाले 277 लिपिकों की नौकरी खतरे में है। राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी जिला परिषदों से कई बिंदुओं पर इनकी रिपोर्ट मांगी है। साथ ही यह पूछा है कि अब तक इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की? पंचायती राज विभाग के उपायुक्त इंद्रजीत सिंह ने राज्य के सभी जिला परिषदों के सीईओ को पत्र जारी कर निर्धारित फॉर्मेट में पूछा है कि उनके जिले में ऐसे कितने लिपिक कार्यरत हैं, जिनकी ओर से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर प्रमाण पत्र हासिल कर नौकरी ली गई है।

यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि इन लिपिकों के संबंध में आदेश जारी कर न्यायालय में कैविएट दायर की जाए और इतने सालों तक प्रभावी पैरवी नहीं करने वालों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। ऐसे में अलवर जिले से भी कई जिम्मेदार लोग लपेटे में आएंगे, जिन पर बड़ी कार्रवाई होगी। वे बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं।

सभी को बर्खास्त करने के दिए आदेश

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी प्रदेश के विभिन्न जिला परिषदों की ओर से दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर कोर्स करने वाले 277 लोगों को लिपिक भर्ती-2013 के तहत नियुक्ति दे दी गई। बाद में सरकार ने वर्ष 2017 और 2018 में कोर्ट के आदेश का हवाला देकर इन सभी को बर्खास्त करने के आदेश दिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

सभी अयोग्य लिपिक नौकरी करते रहे। बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत ने विधानसभा में मामला उठाया तो पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। विधायक के सवाल पर अब तक अलवर जिले की दो पंचायत समितियों के 9 व बीकानेर के 49 लिपिक सामने आए हैं, जिनकी कंप्यूटर डिग्री विभागीय नियमों के अनुसार मान्य नहीं है।

Published on:
06 Aug 2025 11:59 am
Also Read
View All

अगली खबर