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Alwar News: रिश्वतखोर ASI को 4 साल की सजा, FIR से नाम हटाने के बदले मांगी थी रिश्वत 

विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अनु चौधरी ने रिश्वत मामले में एएसआई को दोषी मानते हुए 4 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है।

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Dec 17, 2025
representative picture (patrika)

विशिष्ट न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अनु चौधरी ने रिश्वत मामले में एएसआई को दोषी मानते हुए 4 साल के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है। एसीबी कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक जसवंत सिंह ने बताया कि मामला वर्ष 2017 का है। परिवादी नवाब ने 23 मार्च, 2017 को एसबी को शिकायत दी थी, जिसमें बताया गया था कि उसके बेटे अब्दुल के खिलाफ किसी मामले में किशनगढ़बास थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। उसके बेटे का नाम काटने के एवज में थाने का एएसआई यादराम रुपए की मांग कर रहा है।

10 हजार रुपए लेते रंगे-हाथों पकड़ा था

परिवादी ने बताया कि आरोपी एएसआई यादराम ने मुकदमे से उसके बेटे अब्दुल का नाम काटने के एवज में उससे 20 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। बाद में 15 हजार रुपए में डील पक्की हुई। इसमें से 5 हजार रुपए वह आरोपी एएसआई को पहले दे चुका था। वहीं, एसीबी ने मामले के सत्यापन के बाद आरोपी एएसआई यादराम को परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत की राशि लेेते रंगे-हाथों गिरफ्तार किया था।

दीवार कूद कर भागा था आरोपी, एक किलोमीटर दौड़ कर पकड़ा

कार्रवाई के दौरान एसीबी की टीम को देखकर आरोपी एएसआई थाने की दीवार कूद कर भाग गया था, जिसे एसीबी की टीम ने करीब एक किलोमीटर पीछा कर दौड़ कर पकड़ा था। जिसके बाद एसीबी कोर्ट में ट्रायल चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 21 गवाहों के बयान कराए गए। जिनके आधार पर आरोपी एएसआई यादराम निवासी मीणापुरा के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर उसे सजा सुनाई गई है।

Published on:
17 Dec 2025 11:32 am
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