Alwar News: अलवर में बीते कुछ समय से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में अंदरखाने सब कुछ उतना अच्छा नहीं चल रहा, जितना बाहर से नजर आ रहा है। नेताओं की ‘नूरा-कुश्ती’ के बीच जनहित से जुड़े मुद्दे हाशिए पर हैं।
Alwar News: अलवर में बीते कुछ समय से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में अंदरखाने सब कुछ उतना अच्छा नहीं चल रहा, जितना बाहर से नजर आ रहा है। नेताओं की ‘नूरा-कुश्ती’ के बीच जनहित से जुड़े मुद्दे हाशिए पर हैं। दोनों दलों के नेता यह खुशफहमी पाले हुए हैं कि इस बारे में लोगों को कुछ पता नहीं चल रहा, लेकिन जनता सब जानती है। जिले में सबसे बड़ी समस्या पानी की है, जिस पर ठोस काम होना चाहिए।
इसी तरह सफाई व्यवस्था, यातायात प्रबंधन, बढ़ते अपराध जैसे मुद्दे भी हैं। बीते कुछ समय से कांग्रेस पार्टी इनमें से किसी भी मुद्दे को लेकर ऐसा कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर पाई, जिसे जनता याद रखना चाहेगी। वहीं, भाजपा नेताओं का ज्यादा फोकस उन्हीं राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कामों पर है, जो उन्हें हाईकमान निर्देश दे रहा है। इस पार्टी के नेता स्थानीय मुद्दों पर उतना काम नहीं कर पा रहे, जितना होना चाहिए।
दरअसल, राजनीति में जो होता है, वह आसानी से नहीं दिखता। सिर्फ महसूस किया जा सकता है… लेकिन यह भी सच है कि राजनीति में कुछ भी ज्यादा दिन तक गोपनीय नहीं रहता। दोनों सियासी दलों के अंदर से उठ रहीं गर्म हवाओं को न केवल जिले के लोग बल्कि दोनों दलों के कार्यकर्ता महसूस कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल रहे हैं, लेकिन मजबूर हैं, खुलकर कुछ नहीं बोल रहे। जिले में दोनों दलों में चल रही आंतरिक खींचतान से नौकरशाही हावी होने जैसी चर्चा आम होने लगी है। किसी भी दल में राजनीतिक धुंध कितनी भी गहरी क्यों न हो, कम से कम कार्यकर्ताओं को सब पता होता है कि अंदर क्या चल रहा है।