अलवर

आरजेएस परीक्षा में अलवर की बेटी अंबिका राठौर की तीसरी रैँक

पिता ने कहा मुझे बेटी पर पूरा विश्वास, परिवार का नाम रोशन किया अलवर. राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा में अलवर की बेटी अंबिका राठौर ने तीसरा स्थान पाकर अलवर का गौरव बढ़ाया है। खास बात यह है कि परिवार की चार पीढि़यों में सरकारी सेवा में जाने वाली पहली […]

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Dec 20, 2025

पिता ने कहा मुझे बेटी पर पूरा विश्वास, परिवार का नाम रोशन किया

अलवर. राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा में अलवर की बेटी अंबिका राठौर ने तीसरा स्थान पाकर अलवर का गौरव बढ़ाया है। खास बात यह है कि परिवार की चार पीढि़यों में सरकारी सेवा में जाने वाली पहली बेटी है। इस उपलिब्ध पर पूरे परिवार को गर्व है।

स्कीम नंबर एक आर्य नगर 37 निवासी अंबिका अलवर जिला बार एसोसिएशन की मैंबर है। इन्होंने सेल्फ स्टडी से यह सफलता प्राप्त की है। इन्होंने बताया कि मैं शुरू से ही न्यायिक सेवा में जाना चाहती थी ताकि लोगों को न्याय दिलवा संकू। इनके पिता जयसिंह पूर्व राजपरिवार से जुडे़ हुए हैं। माता मंजू रानी गृहणी है। परिवार में एक बहन और एक भाई है। भाई भी वकालत करते हैं। परिवार में सभी चचेरे भाई वकालत ही करते हैं लेकिन मैं आरजेएस बनना चाहती थी। पिछले बार इंटरव्यू में कुछ अंक कम आने से रह गई लेकिन इस बार पूरी मेहनत की और सफलता मिली। अपनी सफलता का श्रेय माता पिता व गुरुजनो को देना चाहती हैं जिन्होंने मुझ पर विश्वास रखा और समय समय पर मार्गदर्शन किया। पिता ने बताया कि मैंने बेटा और बेटी में कभी भेद नही किया, किसी समय बेटियों को हमारे परिवार में बाहर नही भेजा जाता था लेकिन अब समय बदल गया है, बेटियां परिवार का मान होती है, इसलिए उनको भी आगे बढ़ने का अवसर देना चाहिए। इनकी सफलता पर परिवार में खुशी का माहौल है और परिणाम आने के बाद घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

बेटी की सफलता पर मां भी खुशी से झूम उठी, मां ने बताया कि मेरे पैरों में दर्द रहता है, चलने फिरने में दिक्कत होती है लेकिन बेटी के आरजेएस बनने की खुशी इतनी अ​धिक थी कि मैं दर्द को भूलकर खुशी से नाचने लगी। मेरी बेटी मेरा अ​भिमान है।

Published on:
20 Dec 2025 11:59 am
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