नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2010 तक जारी खनन पट्टों को ही रेगुलर करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने खनन माफिया को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अरावली की परिभाषा ही बदल दी।
जूली ने कहा कि अरावली क्षेत्र में 11 हजार से अधिक छोटी-बड़ी पहाड़ियां हैं। सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय के बाद यदि सरकार की मंशा नहीं बदली तो इन पहाड़ियों के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा। इससे राजस्थान का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ेगा और राज्य का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि पूरा राजस्थान पूछ रहा है कि मुख्यमंत्री अपना मत स्पष्ट करें—क्या वह अरावली को बचाने के लिए आगे आएंगे या नहीं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जैसे दो साल काट लिए, तीन साल और कट जाएं यह कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन अरावली का नुकसान अपूरणीय होगा।