राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भवन के बेसमेंट में फिर से पानी भर गया है। यहां पर बीते कई वर्षों से बारिश का पानी भरता आ रहा है। अब तक पानी रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और जिम्मदार एजेंसी ने कोई कदम नहीं उठाया है। ये अनहोनी होने का इंतजार कर रहे हैं। यह भवन करीब 27 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ और भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया। हालांकि दोनों भवनों के ऊपर कक्षाएं और विश्वविद्यालय के अधिकारी बैठे हुए हैं, जिनको डर सता है कि भवन कभी जमीन ढंस नहीं जाए। अब भवन के ऊपर वाले हिस्से की दीवारों में से भी पानी का रिसाव होने लगा है। इसके साथ ही दिवारों पर काई भी जमने लगी है।
बेसमेंट लबालब, दीवारें पूरी गिली, काई जमी, कभी भी हो सकती है अनहोनी
राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय भवन के बेसमेंट में फिर से पानी भर गया है। यहां पर बीते कई वर्षों से बारिश का पानी भरता आ रहा है। अब तक पानी रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन और जिम्मदार एजेंसी ने कोई कदम नहीं उठाया है। ये अनहोनी होने का इंतजार कर रहे हैं। यह भवन करीब 27 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ और भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया। हालांकि दोनों भवनों के ऊपर कक्षाएं और विश्वविद्यालय के अधिकारी बैठे हुए हैं, जिनको डर सता है कि भवन कभी जमीन ढंस नहीं जाए। अब भवन के ऊपर वाले हिस्से की दीवारों में से भी पानी का रिसाव होने लगा है। इसके साथ ही दिवारों पर काई भी जमने लगी है।
मामला राज्य भवन तक पहुंच पर नहीं मिला कोई हल
विश्वविद्यालय भवन के बेसमेंट में भरने वाला पानी और दरारों का मामला राजभवन तक पहुंच चुका है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है। इसके साथ विश्वविद्यालय कैंपस में तीन बार राज्यपाल का भी आगमन हुआ है, लेकिन अब तक भवन निर्माण करने वाली एजेंसी और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। वहीं, भवन में पानी भर जाने के बाद पंप के जरिए बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन बेसमेंट में करीब आधा-आध फीट पानी भरा हुआ है।