अलवर

बायपास सडक़ चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण में हुई सात माह की देरी

बायपास सडक़ के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के काम में लगातार देरी हो रही है। प्रोजेक्ट को शुरू करते समय खत्म करने की तिथि सितंबर 2023 रखी गई थी। प्रोजेक्ट शुरू होते ही तमाम तरह की अड़चनों की वजह से विलंब होता गया।

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Apr 24, 2024

एक साल में पूरा होना था प्रोजेक्ट, अभी दो माह का समय और लगेगा

भिवाड़ी. बायपास सडक़ के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण के काम में लगातार देरी हो रही है। प्रोजेक्ट को शुरू करते समय खत्म करने की तिथि सितंबर 2023 रखी गई थी। प्रोजेक्ट शुरू होते ही तमाम तरह की अड़चनों की वजह से विलंब होता गया। पहले इसे पूरा करने के लिए मार्च 2024 निर्धारित किया गया। अब 30 जून तक का समय रखा गया है। इसके चलते यहां आएदिन जाम व एक लेन से यातायात संचालन को लेकर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बायपास पर 37.86 करोड़ रुपए से कार्य हो रहे हैं। खिजूरीबास टोल से धारूहेड़ा मोड तक 4.15 किमी में सडक़ को दो से चार लेन में चौड़ीकरण, फुटपाथ, वॉक वे, वाटर हार्वेस्टिंग, नाली निर्माण के साथ पौधारोपण एवं हरियाली विकसित की जाएगी। प्रोजेक्ट की नींव 16 सितंबर 2022 को रखी गई थी। एक साल में कार्य पूरा होना था लेकिन अब यह कार्य 30 जून तक हो सकेगा।

यातायात में आ रही बाधा

प्रोजेक्ट में देरी होने की वजह से यातायात में बाधा आती है। वाहन चालकों को असुविधा होती है। बार-बार खुदाई, डामरीकरण एवं अन्य विकास कार्य की वजह से डायवर्जन करने पड़ते हैं। इसकी वजह से यातायात व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाती है। एक ही लेन में यातायात का भार बढऩे से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।

प्रोजेक्ट में ये काम हुए

सडक़ पर डामरीकरण का काम 85 प्रतिशत हो चुका है। डिवाइडर का काम शत प्रतिशत पूरा हो चुका है। डिवाइडर पर स्ट्रीट लाइट का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है, पैनल बॉक्स और 25 पोल लगाए जाने शेष है। ग्रीन बेल्ट 95 फीट वाली लाइन में खिजूरीबास टोल से धारूहेड़ा मोड की तरफ टाइल्स लगाने का काम 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है। फेंसिंग लगाने का काम शुरू हो चुका है। ग्रीन बेल्ट में बिजली के पोल लगने हैं, यह काम शुरू नहीं हुआ है। पौधारोपण का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। धारूहेड़ा मोड से टोल की तरफ 55 फीट चौड़ाई में फुटपाथ का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। नालियों का काम पूरा हो चुका है।

प्रोजेक्ट में देरी की वजह

अधिकारियों का कहना है कि प्रोजेक्ट में सात करोड़ रुपए से बिजली की लाइन भी भूमिगत की गई हैं। इस काम में करने में काफी समय लगा है। विद्युत निगम से शटडाउन नहीं मिलने की वजह से बिजली लाइन का काम काफी देरी से हुआ। एसटीपी से थड़ा को जाने वाली शोधित पानी की लाइन सडक़ के बीच में आ गई।

Updated on:
24 Apr 2024 12:51 am
Published on:
24 Apr 2024 12:50 am
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