धर्म/ज्योतिष

बिस्तर पर बैठ कर ना खाएं वर्ना धन का होगा नाश, जल्द ही हो जाएंगे कंगाल, जानिए धार्मिक वैज्ञानिक आधार

bistar par khana khane ke nuksan: घर के बड़े अक्सर कहते हैं कि बिस्तर पर बैठ कर मत खाओ! इससे लक्ष्मीजी रूठ जाती हैं और धन का नाश होने से व्यक्ति कंगाल हो जाता है। कभी सोचा है, आपने क्यों? आइये जानते हैं इसका धार्मिक और वैज्ञानिक आधार

2 min read
Sep 16, 2024
बिस्तर पर खाना चाहिए या नहीं, वास्तु नियम जानें

bistar par khana khana chahie ya nahin: वास्तुशास्त्र के अनुसार बिस्तर पर माता लक्ष्मी निवास करती हैं और अगर इस पर भोजन किया जाए तो देवी लक्ष्मी का अपमान होता है, जिससे आपको धन की हानि और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।

घर के लोगों पर बढ़ता है कर्ज

ऐसी मान्यता है कि इस प्रथा से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। यह भी माना जाता है कि बिस्तर पर भोजन करने से परिवार के लोगों को कर्ज का सामना करना पड़ सकता है और घर में अशांति का माहौल बनता है।

इसलिए बिस्तर पर खाने से रोकता है विज्ञान

इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बिस्तर पर भोजन करना हानिकारक माना जाता है। इससे पाचन क्रिया और शरीर दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।


दरअसल, हमारे सबकॉन्शियस माइंड (अवचेतन अवस्था) में ये बात फिट है कि बिस्तर पर हम आराम करते हैं। शरीर आराम करने की अवस्था में होता है, जिससे पाचन क्रिया धीमी हो जाती है।


इससे गैस, पेट दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एकाग्रता में कमी भी आती है, जिससे भोजन ठीक से नहीं पचता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। जाहिर सी बात है आपकी गाढ़ी कमाई जो आप अपनी उन्नति पर लगा सकते थे, व्यर्थ ही खराब स्वास्थ्य को दुरुस्त करने में लगेगा। इससे आखिरकार धन बर्बाद ही होगा।

जूठे बर्तन भी किचन में न छोड़ें

भोपाल की वास्तु शास्त्री अंजना गुप्ता के अनुसार भोजन हमेशा जमीन पर बैठकर करना अच्छा होता है। खाना खाते समय उत्तर-पूर्व की दिशा की ओर मुख रखना शुभ फल देने वाला माना जाता है। वहीं रात को खाना खाने के बाद जूठे बर्तन किचन में नहीं छोड़ने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।


साथ ही भोजन करने के बाद जिस स्थान पर खाना खाया गया हो, उसे अच्छे से साफ करना भी महत्वपूर्ण है। इन आदतों को अपनाकर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं का पालन किया जा सकता है, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर रखा जा सकता है।

Updated on:
17 Sept 2024 10:58 am
Published on:
16 Sept 2024 03:42 pm
Also Read
View All

अगली खबर