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Chandra Grahan On Holi: होली पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, इस नक्षत्र में जन्मे लोगों पर डालेगा सबसे अधिक असर

Chandra Grahan On Holi 2025: इस साल रंगोत्सव होली 2025 का ज्योतिषीय महत्व भी है। खास बात यह है कि होली पर चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ज्योतिषियों से आइये जानें इसका क्या असर पड़ेगा और क्या भारत में दिखाई देगा (lunar eclipse on Holi)।

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Mar 02, 2025
Chandra Grahan On Holi 2025 Prabhav: चंद्र ग्रहण 2025 का प्रभाव

Lunar Eclipse On Holi: ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार साल 2025 में चार ग्रहण होंगे। इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। इस दौरान शुभ कार्य और विशेष आयोजन पर रोक होती है। इसमें लापरवाही करने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

कहां दिखाई देगा पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse Kaha Dikhega)

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार वर्ष 2025 में कुल दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें से पहला ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा। पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को लगेगा। यह पूर्ण ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण धुलंडी के दिन लगेगा। लेकिन भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इस चंद्र ग्रहण का भारत में कोई असर नहीं होगा।


यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग, यूरोप, अफ्रीका के अधिकांश भाग, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा।

इसलिए इस ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से भारत में कोई महत्व नहीं होगा। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा, जिससे इसका सूतक काल मान्य होगा।

चंद्र ग्रहण का सभी 12 राशियों होंगी प्रभावित

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार होली फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन मनाते हैं, जबकि फाल्गुन पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता है। इस साल 13 मार्च की रात होलिका दहन किया जाएगा और अगले दिन यानी 14 मार्च 2025 को होली मनाई जाएगी। लेकिन इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, जिससे सभी 12 राशियां प्रभावित हो सकती हैं।

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चंद्र ग्रहण की तिथि और समय (Chandra Grahan Time)

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को सुबह 9: 29 बजे से दोपहर 3: 29 बजे तक लगेगा। यह ग्रहण फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन घटित होगा। हालांकि भारत में ये चंद्र ग्रहण नहीं नजर आएगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।


उपच्छाया ग्रहण शुरूः सुबह 9.27 बजे
आंशिक ग्रहण शुरूः सुबह 10.41 बजे
पूर्ण चंद्रग्रहण शुरूः सुबह 11.56 बजे
अधिकतम ग्रहणः दोपहर 12.28 बजे
पूर्ण चंद्रग्रहण समाप्तः दोपहर 1.01 बजे
आंशिक चंद्रग्रहण समाप्तः दोपहर 2.18 बजे
उपच्छाया चंद्रग्रहण समाप्तः दोपहर 3.30 बजे
इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 37 मिनट की होगी। (सुबह 10:41 बजे से दोपहर 2:18 बजे तक)

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इस राशि और नक्षत्र में जन्मे लोगों पर असर (People Born In Singh Rashi Uttara Falguni Nakshatra)

ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार खगोलीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, इसलिए सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए यह ग्रहण विशेष रूप से प्रभावशाली रहने वाला है। चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा सिंह राशि में रहोगा। वहीं, चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा से सप्तम भाव में सूर्य और शनि विराजमान रहेंगे और चंद्रमा को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे। ऐसे में इसका प्रभाव और भी गहरा देखने को मिलेगा।


केतु चंद्रमा के द्वितीय भाव में स्थित रहेगा, जिससे मानसिक तनाव की स्थिति बन सकती है। राहु, बुध और शुक्र चंद्रमा के आठवें भाव में स्थित होंगे, जिससे कुछ राशियों पर मिश्रित प्रभाव पड़ेगा। गुरु (बृहस्पति) चंद्रमा के दशम भाव में रहेगा, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में वृद्धि होगी। मंगल चंद्रमा के एकादश भाव में स्थित रहेगा, जो साहस और ऊर्जा को बढ़ाने का कार्य करेगा।

चंद्र ग्रहण का प्रभाव (Chandra Grahan 2025 Prabhav)

ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार चंद्र ग्रहण की वजह से प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप देखने को मिलेगा। इसमें भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटनाएं का संकेत मिल रहे हैं। प्राकृतिक आपदा में जनहानि कम ही होने की संभावना है।


फिल्म एवं राजनीति से दुखद समाचार मिल सकते हैं, व्यापार में तेजी आएगी। चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बीमारियों में कमी आएगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा।


इसके अलावा वायुयान दुर्घटना होने की आशंका है। पूरे विश्व में राजनीतिक अस्थिरता यानी राजनीतिक माहौल उच्च होगा। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होंगे। सत्ता संगठन में बदलाव होंगे। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा। आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन हड़ताल, बैंक घोटाला, उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती है।

ये भी देखेंःचंद्र ग्रहण का समय क्या है, भारत में दिखाई देगा या नहीं

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