Guru Atichari 2025 Till 2032: बृहस्पति मई से अतिचारी हो जाएंगे, यानी की उनके मूवमेंट की स्पीड सामान्य से अधिक हो जाएगी, बृहस्पति का अतिचारी गोचर 2032 तक चलेगा। पहले की स्थितियों में इसके बड़े दुष्प्रभाव हुए हैं, आइये जानते हैं अतिचारी बृहस्पति के दुष्प्रभाव से अब क्या हो सकता है (Guru Gochar May) ..
Guru Gochar May: वैदिक ज्योतिष के अनुसार सामान्य तौर पर बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में 12 से 13 महीने लगते हैं। लेकिन जब बृहस्पति की गति तेज (Guru Atichari 2025) हो जाती है तो इससे कम समय में ही राशि बदल लेता है।
बृहस्पति बुद्धि, समझ और सौभाग्य के कारक हैं और जब इनकी गति तेज हो जाती है तो इसके त्वरित और गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इस समय बृहस्पति अपनी शुभता में कमी लाते हैं। कई बार जातक गलत तथ्यों पर भरोसा कर लेते हैं। हालांकि सबकुछ गलत ही नहीं होता, यह गोचर प्रगति, सुख-सुविधा और संपन्नता भी प्रदान करता है।
ज्योतिषियों के अनुसार जब बृहस्पति किसी भी राशि में अतिचारी होता है, तब यह अशांति लेकर आता है। इसके प्रभाव से कई ऐसे निर्णय होतने हैं, जो कष्ट का कारण बनता है। शुभ ग्रह बृहस्पति के तेज गति से चलने से कई बार उथल-पुथल और अस्थिरता आती है। आइये जानते हैं अतीत की उन घटनाओं के बारे में जब बृहस्पति अतिचारी थे।
ज्योतिषियों की मानें तो जब कुरूक्षेत्र में महाभारत युद्ध हुआ था, तब बृहस्पति अतिचारी थे। उस समय कौरवों और पांडवों के बीच जबरदस्त रक्तपात के बाद पांडवों ने सत्ता हासिल की।
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ज्योतिषियों की मानें तो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय भी बृहस्पति का अतिचारी गोचर हुआ था। उस समय सेना और आम नागरियों को मिलाकर कुल 75 मिलियन लोग मारे गए थे।
15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता एक बड़ी घटना थी। इस बदलाव के वक्त भी बृहस्पति अतिचारी थे। जब ब्रिटिश उपनिवेश से भारत की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद देश के नेताओं ने सत्ता संभाली।
कुछ ज्योतिषियों की मानें तो दुनिया में कोरोना की आमद साल 2020 में बृहस्पति के अतिचारी प्रभाव के कारण हुई थी। इस महामारी ने लोगों को बेघर किया, नौकरियां चली गईं, लाखों लोगों की जान गई। वैश्विक अर्थव्यवस्था में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। हालांकि कुछ लोग इसे राहु-केतु की चाल से भी जोड़कर देखते हैं।
ज्योतिषियों की मानें तो बृहस्पति 2025 से लेकर 2032 तक अतिचारी रहेंगे। इस अवधि में बृहस्पति निजी जीवन, करियर और दुनियाभर में बड़े बदलाव लेकर आएंगे। बृहस्पति का स्वभाव विस्तार करने का है, ऐसे में वर्तमान में चल रहे युद्ध, संघर्ष और संकट बड़े बदलाव का कारण बन सकते हैं।
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ज्योतिषियों के अनुसार बृहस्पति की तेज गति दुनियाभर में कई युद्धों को तेज कर सकती है। रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है, इजराइल हमास युद्ध भी खत्म नहीं हुआ है। इधर, मीन राशि में चतुर्ग्रही योग बना हुआ है और बृहस्पति के अतिचारी होने का दुष्प्रभाव भारत समेत दुनिया को 1929 की तरह आर्थिक मंदी की ओर ले जा सकता है। इससे उबरने में दुनिया को समय लग सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि बृहस्पति की किसी भी राशि में गोचर करते हैं, तब वैश्विक स्तर पर अकाल या मंदी की स्थिति बन सकती है, और इधर शनि बृहस्पति की मीन राशि में ढाई साल रहने वाले हैं। बृहस्पति धन के कारक हैं और शनि विपरीत, इससे असंतुलन की स्थिति पैदा हो सकती है।
2025 की शुरुआत से ही विभिन्न धर्मों और संस्कृति के लोग अपनी परंपराओं और संस्कारों को बनाए रखने को लेकर अधिक कट्टर बन सकते हैं। चाहे भारत हो या अमेरिका या फिर कोई अन्य देश, लोग अपने धर्म को थोपने का प्रयास कर सकते हैं। फिर नौकरियों और सेवाओं आदि में विदेशियों की तुलना में अपने समुदाय के लोगों को प्राथमिकता देने की प्रवृत्ति दिख सकती है।